दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर डॉक्टर ने चेताया, घर से बाहर निकलना हो सकता है खतरनाक; पढ़ें बचाव के उपाय
सर गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. उज्ज्वल पारेख ने इस बात पर जोर दिया कि इस समय लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। हर किसी को जितना संभव हो सके बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए और अगर बाहर जाना ही पड़े तो वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए मास्क का उपयोग करना चाहिए।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सोमवार को 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंचने और इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंचने के कारपण डॉक्टरों ने इसके स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में चिंता जताई है। इसके साथ ही डॉक्टर ने आगाह किया कि जहरीली हवा संवेदनशील लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है।
डॉक्टरों ने दिल्लीवासियों को बाहरी गतिविधियों को कम करने, हाइड्रेटेड रहने और इनडोर पार्टिकुलेट मैटर को कम करने के लिए HEPA फिल्टर वाले वायु शोधक का उपयोग करने की सलाह दी। डॉक्टरों ने बताया जिन लोगों को पहले से फेफड़े या दिल की बीमारी है, उन्हें सतर्क रहना चाहिए और अपनी दवाएं लेते रहना चाहिए।
कई जगहों पर एक्यूआई 500 के पार
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 484 के साथ एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई और दोपहर 1 बजे तक और खराब होकर 490 हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, द्वारका सेक्टर 8, नजफगढ़, नेहरू नगर और मुंडका सहित कुछ निगरानी स्टेशनों ने अधिकतम AQI स्तर 500 दर्ज किया।प्रदूषण से बचने के लिए एन95 मास्क पहनें
यूसीएमएस में सामुदायिक चिकित्सा के रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. रजत शर्मा ने कहा, "प्रदूषण के इस स्तर पर, एन95 मास्क पहनना एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का शिकार हो सकते हैं।" उन्होंने आगे बताया कि सर्जिकल या कपड़े के मास्क अक्सर खराब फिटिंग और अपर्याप्त फिल्टरेशन के कारण विफल रहते हैं। इस कारण एन95 मास्क बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं।
स्वस्थ व्यक्ति भी हो सकता है बीमार
रजत शर्मा ने कहा, "वायु प्रदूषण का जो गंभीर स्तर हम देख रहे हैं, उसके लिए तत्काल सुरक्षात्मक उपाय किए जाने चाहिए। इसके लिए मास्क का उपयोग करना अनिवार्य हो जाता है। यह अब केवल संवेदनशील लोगों के बारे में नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति भी के लिए जोखिम भरा हो सकता है।"घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें: डॉ. उज्ज्वल पारेख
सर गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. उज्ज्वल पारेख ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। हर किसी को जितना संभव हो सके बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए और अगर बाहर जाना ही पड़े तो वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए मास्क का उपयोग करना चाहिए।" उन्होंने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने की सलाह दी।
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