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जल्दबाजी या सटीक रणनीति... चुनाव की सुगबुगाहट से पहले AAP ने क्यों जारी की प्रत्याशियों की पहली लिस्ट

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की सुगबुगाहट के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर सबको चौंका दिया है। हालांकि अभी चुनाव की अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। जानिए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की इस रणनीति के पीछे क्या उद्देश्य है और बीजेपी के गढ़ में आप कैसे जीत की रणनीति बना रही है।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 21 Nov 2024 03:27 PM (IST)
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दिल्ली विधानसभा चुनाव से काफी समय पहले उम्मीदवारों की घोषणा के पीछे है केजरीवाल की खास रणनीति।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान खत्म होने के अगले ही दिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

जबकि, राजधानी में अगले साल चुनाव होने हैं और अभी इसकी अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। राजनीतिक हलकों में इस जल्दबाजी को लोग समझ नहीं पा रहे हैं। हर कोई कयास लगा रहा है कि आखिर उम्मीदवारों की घोषणा में केजरीवाल ने जल्दबाजी क्यों की?

11 में से छह सीटों पर बीजेपी का कब्जा 

राजनीतिक विश्लेषक इसे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की रणनीति मानते हैं। इनका कहना है कि आप ने शुरुआत में उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जहां पर पार्टी की स्थिति कमजोर है। जैसे- गुरुवार को जारी 11 सीटों में से छह सीटें बीजेपी के कब्जे वाले हैं।

ये सीटें है- लक्ष्मी नगर, विश्वास नगर, रोहतास नगर, घोंडा, करावल नगर और बदरपुर। इसके अलावा, गांधी नगर, छतरपुर, किराड़ी और मटियाला में भी बीजेपी की मजबूत पकड़ है। यहां पर पार्टी ने पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर सबको चौंका दिया। 11 उम्मीदवार में अधिकतर बीजेपी और कांग्रेस से आप में हाल ही में शामिल हुए नेता हैं।

जनता तक पहुंचने के लिए मिलेगा अधिक समय

विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की पकड़वाली सीट पर पहले उम्मीदवार की घोषणा करने से उन्हें अपने इलाके में प्रचार करने का अधिक मौका मिल सकेगा। इसके साथ लोगों को भी यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि उनके यहां का प्रत्याशी कौन है। पार्टी आखिरी समय के उधेड़बुन में फंसकर कोई कन्फ्यूजन पैदा नहीं करना चाहती है। अब उन्हें डोर-टू-डोर कैंपेन करने का भी अधिक समय मिल जाएगा। इस तरह बीजेपी के गढ़ में आम आदमी पार्टी ने अपनी रणनीति से उसे मात देने में जुट गई है।

हमेशा प्रत्याशियों की घोषणा में आगे रही आप

वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आम आदमी पार्टी की चुनाव में सबसे पहले उम्मीदवारों की घोषणा करने की प्रवृत्ति रही है। बीते दो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने सबसे पहले उम्मीदवारों की घोषणा की है। दिल्ली में पार्टी इसे जीत की रणनीति मानती है।

बता दें, 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें मिलीं थी। जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मात्र तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं 2020 के चुनाव में आप को 62 और बीजेपी को 8 सीटें मिली थी।

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