'हेल्थ इमरजेंसी' की चपेट में दिल्ली, सोमवार को AQI रहा पांच साल में सर्वाधिक; अगले कुछ दिनों तक सुधार के आसार नहीं
दिल्ली की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है जिससे स्वास्थ्य आपातकाल जैसे हालात बन गए हैं। सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 494 दर्ज किया गया जो इस सीजन का ही नहीं बल्कि पांच साल में सर्वाधिक है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं। अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रह सकती है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के चलते एनसीआर की वायु गुणवत्ता अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। यदि इसे स्वास्थ्य आपातकाल कहा जाए तो कतई गलत नहीं होगा। आलम यह है कि लोगों के लिए घर से बाहर निकल पाना मुश्किल हो गया है तो कमोबेश हर व्यक्ति किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 494 दर्ज किया गया। यह अति गंभीर श्रेणी में था। साथ ही यह इस सीजन का ही नहीं बल्कि पांच साल में सर्वाधिक एक्यूआई है। इससे पूर्व तीन नवंबर 2019 को दिल्ली का एक्यूआई 495 रिकॉर्ड हुआ था। सोमवार को प्रदूषण इस हद तक था कि दिल्ली के सभी क्षेत्र ही नहीं बल्कि एनसीआर के तमाम शहर भी रेड जोन में ही रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने वायु प्रदूषण से संबंधित अक्टूबर में जारी की गई एडवाइजरी के संदर्भ में एक अपडेट एडवाइजरी जारी की है। इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और कमजोर समूहों और जोखिम वाले क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने की सिफारिशें शामिल हैं।धूप निकलने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली
सोमवार को सुबह से ही स्मॉग की चादर छाई नजर आई, दोपहर में धूप निकलने के बाद भी इससे कोई राहत नहीं मिली। शाम को स्थिति और गंभीर हो गई। ऐसे में लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत व गले में खराश होने लगी है। सबसे अधिक परेशानी वाहन चालकों को झेलनी पड़ी। सड़कों पर 100 से 200 मीटर की दूरी भी साफ नहीं दिख रही थी। लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिखे।
अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रहेगी
मौसम विभाग का अनुमान है कि कमोबेश यही स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। इससे वाहन चालकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आईआईटीएम पुणे के डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक सोमवार को हवा में परिवहन से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 17.132 प्रतिशत, कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 1.568 प्रतिशत रही।उत्तर भारत में सोमवार को पराली जलाने की 19 घटनाएं
वहीं, निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 2.558 और सबसे अधिक प्रदूषण में हिस्सेदारी अन्य प्रदूषकों की 46.258 प्रतिशत दर्ज की गई। जबकि, उत्तर भारत में सोमवार को 19 पराली जलाने की घटनाएं घटी। मौसम विभाग का अनुमान है कि प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव के लिए मौसम संबंधी परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। वेंटिलेशन इंडेक्स 6000 घनमीटर प्रति सेकंड रहा। 24 घंटे के भीतर वेंटिलेशन इंडेक्स 66200 घनमीटर प्रति सेकंड रहने का अनुमान है। वहीं, मिक्सिंग हाइट 1520 मीटर रही।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।34 इलाकों में प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी में रहा
सीपीसीबी के मुताबिक अशोक विहार, रोहिणी, वजीरपुर, नेहरु नगर समेत 34 इलाकों में प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी में रहा। इन सभी जगह एक्यूआई 450 से ऊपर दर्ज हुआ। इसमें भी 12 इलाकों में एक्यूआई 500 तक दर्ज किया गया। आईआईटीएम पुणे के मुताबिक सोमवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम की ओर से चली। इस दौरान हवा की गति छह से 12 किमी प्रतिघंटे से रही। मंगलवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने का अनुमान है।हवा की गति कम होने से प्रदूषक नहीं फैलेंगे
इस दौरान हवा की गति आठ से 12 किमी प्रतिघंटे से चलेंगी। वहीं, सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की आशंका है। बुधवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर से चलेंगी। हवा की रफ्तार दो से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे रहने का अनुमान है। ऐसे में हवा की गति कम होने से प्रदूषक नहीं फैलेंगे और प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। बृहस्पतिवार को भी हवाएं छह से 12 किमी प्रतिघंटे चलने की संभावना है।सोमवार को एनसीआर के शहरों का एक्यूआई
- दिल्ली- 494
- गुरुग्राम- 469
- गाजियाबाद- 438
- नोएडा
- 423 - ग्रेटर नोएडा
- 372 - फरीदाबाद
- 367