Move to Jagran APP

'पापा कैसे हैं आप', पिता का हाल जान बर्थडे से 5 दिन पहले IIT दिल्ली के छात्र ने लगाया मौत को गले; चल रही थी काउंसिलिंग

Delhi Crime News आईआईटी दिल्ली में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है। वह पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था और उसका इलाज चल रहा था। इस घटना से छात्रों और अभिभावकों में चिंता व्याप्त है। आईआईटी दिल्ली प्रशासन ने छात्रों के लिए काउंसलिंग सत्रों का आयोजन किया है। छात्र ने आत्महत्या से पहले मोबाइल पर मैसेज कर अपने पिता का हालचाल जाना था।

By shani sharma Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 23 Oct 2024 09:49 PM (IST)
Hero Image
आईआईटी में एमएससी के छात्र ने फंदा लगाकर की आत्महत्या।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी, IIT) दिल्ली में मंगलवार रात को अरावली हॉस्टल (Aravali Hostel) में एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था और आईआईटी अस्पताल से उसकी काउसिलिंग की जा रही थी।

पुलिस को मृतक के पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। काउंसलिंग सत्रों के बावजूद उसकी आत्महत्या होने पर आईआईटी दिल्ली की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

21 वर्ष थी छात्र की उम्र

पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पुलिस को रात 11 बजे सूचना मिली थी कि आईआईटी में एक छात्र ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक की पहचान झारखंड के देवघर निवासी 21 वर्षीय यश कुमार झा के रूप में हुई है। यश कुमार झा मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग में एमएससी कॉग्नेटिव साइंस में दूसरे वर्ष का छात्र था। वह आईआईटी के अरावली हॉस्टल के डी 57 नंबर कमरे में अकेला रहता था।

पंखे से तौलिये के फंद से लटका था शव

पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो यश का शव पंखे से तौलिये के फंदे पर लटका था। पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

तनावग्रस्त छात्रों के लिए बनाया था निगरानी तंत्र

आईआईटी दिल्ली में इस साल यह दूसरी आत्महत्या है। पहली आत्महत्या के बाद संस्थान ने तनाव में आने वाले छात्रों का पता लगाकर काउंसलिंग के लिए निगरानी तंत्र बनाया था। यश पहले से ही काउसंलिंग में थे और अब उनकी आत्महत्या होने से आईआईटी के प्रयासों को धक्का लगा है।

दो महीने से मानसिक रूप से परेशान था छात्र

पिछले करीब दो महीने से यश अवसाद से ग्रस्त था। पुलिस जांच में सामने आया कि उसका मनोरोग का उपचार भी चल रहा था। वह मंगलवार सुबह आईआईटी के अस्पताल भी गया था। यहां पर उसकी काउंसिलिंग चल रही थी। 29 अक्टूबर को भी छात्र को डॉक्टर के पास जाना था। हालांकि मृतक के स्वजन ने यश के अवसाद में जाने का कारण नहीं बताया। पुलिस को मृतक के पास कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।

यश ने जन्मदिन से पांच दिन पहले लगाया मौत को गले

यश ने अपने 22वें जन्मदिन से पांच दिन पहले मौत को गले लगा लिया। 26 अक्टूबर को यश का जन्मदिन है। इसको लेकर उसने चार दिन पहले अपने पिता से बात भी की थी। जब उसने पिता से अपने गिफ्ट के बारे में पूछा था। उसके पिता एक महीने पहले ही देवघर जिलाधिकारी कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए हैं।

कमरे में मिली शराब की बोतल और सिगरेट

पुलिस को यश के कमरे से शराब की बोतल, सिगरेट और दवाइयां भी मिली हैं। उसके पिता ने बताया कि वह कुछ दिन से ही कमरे में अकेला रह रहा था। इससे पहले सेमेस्टर में वह तीन अन्य छात्रों के साथ रहता था।

यश का अंतिम मोबाइल मैसेज: पापा कैसे हैं आप

यश ने आत्महत्या करने से कुछ घंटे पहले अपने पिता को वॉट्सऐप पर मैसेज किया था कि पापा कैसे हैं आप। इसके बाद यश से उनके पिता ने हाल चाल पूछा। इस पर यश ने कहा कि थोड़ी थकान हो रही है। फिर उसके पापा ने उन्हें गर्म पानी पीने की सलाह दी और यश से पूछा कि पैसे मिल गए। इसका जवाब यश ने नहीं दिया। फिर रात को पुलिस ने उन्हें यश के आत्महत्या की सूचना दी।

ये भी पढ़ें- दिल्ली में हाईटेंशन पोल पर चढ़ा शख्स, PM मोदी, सीएम और चीफ जस्टिस से बातचीत कराने की करने लगा जिद्द; देखें VIDEO

पढ़ने में हमेशा अव्वल रहा यश, गेट एग्जाम में थी सातवीं रैंक

सफदरजंग अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंची मृतक के दोस्तों ने बताया कि यश हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रहा है। उसकी ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) एग्जाम में भी पूरे भारत में सातवीं रैंक आई थी। एमएससी में भी वह पहले साल प्रथम श्रेणी से पास हुआ था।

परिवार का इकलौता चिराग बुझा, हरिद्वार में होगा अंतिम संस्कार

यश की एक बड़ी बहन है। इकलौते बेटे की मौत के बाद यश की मां सफदरजंग अस्पताल में बिलखती हुई बार बार बेहोश हो रहीं थीं। उसके माता-पिता सुबह ही झारखंड से दिल्ली आए थे। स्वजन अंतिम संस्कार के लिए शव को हरिद्वार ले गए।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।