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International Trade Fair 2024: संघर्ष और सफलता की कहानियां सुना रहा व्यापार मेला, लोगों की दिख रही भारी भीड़

International Trade Fair 2024 अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2024 में इन दिनों लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। पहले दिन 25 हजार से ज्यादा लोगों ने मेले का आनंद लिया जबकि दूसरे दिन 60 हजार लोग पहुंचे। मेले में आए युवा कारीगर और कलाकार अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। स्टार्टअप और ग्रामोद्योग की दिख रही झलक। पढ़ें पूरी खबर।

By sanjeev Gupta Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 22 Nov 2024 05:35 PM (IST)
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Delhi Trade Fair: दर्शकों को आकर्षित कर रहा अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला। फाइल फोटो
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। International Vyapar Mela: 43 वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में देशी विदेशी उत्पाद और हुनर ही नहीं बल्कि संघर्ष व सफलता की कहानियां भी दर्शकों को खासी आकर्षित कर रही हैं। यहां पर एक दो नहीं बल्कि अनेक ऐसे युवा कारीगर-कलाकार आए हुए हैं।

जिनका मेहनत और कला के प्रति समर्पण मन में कामयाबी का नया जज्बा पैदा करता है। इनकी मेहनत का इससे बड़ा नमूना क्या होगा कि इनमें से कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी हो चुके हैं। मेले में आ रहे दर्शकों को भी इनसे जीवन में बेहतर करने की प्रेरणा मिल रही है।

2017 में लिया था 15 लाख का ऋण, आज पांच करोड़ का टर्नओवर

हॉल नं. छह में लगे खादी मंडप के स्टाल नंबर 11डी पर वाराणसी की लालजी फूड्स इकाई के ग्रामोद्योग उत्पाद मिल रहे हैं। यहां आप छह प्रकार का बनारसी गुड़ खरीद सकते हैं, जिसमें सादा गुड़, इलायची गुड़, अदरक (सौंठ) गुड़, तिल सौंठ गुड़, अलसी गुड़ और नारियल-मूंगफली गुड़ उपलब्ध हैं।

जो खगराज ब्रांडनेम से प्रसिद्ध है। पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ खादी भवन नई दिल्ली में अनेक फ्लेवर युक्त बनारसी गुड़ की आपूर्ति करने वाले प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) इकाई के संस्थापक अवधेश मौर्या ने बताया कि उन्होंने संतुलित भोजन के रूप में वर्षभर लोगों को गुड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में 15 लाख का ऋण लेकर इस इकाई की स्थापना की थी।

इस वर्ष अभी तक उनकी इकाई का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये के करीब है। यही नहीं, उनके अधीन एक सौ लोग काम कर रहे हैं। युवा उद्यमी अवधेश मौर्य को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी एमएसएमई दिवस 2022 में सम्मानित किया गया है।

हैंडलूम और हैंडब्लॉक प्रिंटिंग की उत्कृष्टता

हॉल नंबर दो स्थित बिहार मंडप में भागलपुर के कारीगर अपनी अनूठी हस्तकला और परंपरा को जीवंत कर रहे हैं। इन कारीगरों के हैंडलूम, टसर सिल्क, जरी, हैंडब्लॉक प्रिंटिंग और मधुबनी पेंटिंग जैसे हस्तनिर्मित उत्पाद मेले में लोगों का ध्यान खींच रहे हैं।

इन्हीं में से एक भागलपुर के मोहम्मद रफीक खान ने अपने स्टाल पर हैंडलूम और हैंडब्लॉक प्रिंटिंग की उत्कृष्टता पेश की है। उनकी टीम में 32 महिलाएं और 25 पुरुष शामिल हैं, जो पूरी तरह से हाथ से बनाए गए साड़ियां और सूट तैयार करते हैं।

इन साड़ियों की कीमत 1600 से 3500 जबकि सूट 1200 से 2400 रुपये के बीच उपलब्ध हैं। रफीक को हैंडब्लॉक प्रिंटिंग में राज्य पुरस्कार मिल चुका है। उनके उत्पाद अमेरिका-मलेशिया जैसे देशों में निर्यात किए जाते हैं। अब वह चीन में अपने उत्पाद भेजने की योजना बना रहे हैं।

स्नातकोत्तर की पढ़ाई के साथ चला रहे स्टार्टअप

हॉल नं. एक स्थित झारखंड मंडप में जमशेदपुर के धीरज जैन राज्य की ज्वैलरी पर राजस्थान की कला उकेर रहे हैं। मानवाधिकार में स्नातकोत्तर की पढाई कर रहे धीरज ने 2016 में यह स्टार्टअप शुरू किया थ। छोटे स्तर पर शुरुआत करने के बाद अब उन्हें अन्य शहरों से बड़े ऑर्डर मिलने लगे हैं।

वह बताते हैं की डिजाइनिंग से लेकर ज्वेलरी को जोड़ने का काम वो खुद करते हैं। सीप पर पेंटिंग मोती स्टोन का प्रयोग करते हुए वह एक पीस चार घंटे में बनाते हैं। कुछ कामों में उनकी मां सहयोग करती है।

इस छोटे स्टार्टअप की शुरुआत अब बिजनेस का रूप लेने लगा है। वह बताते है की डिजाइनिंग में रूचि थी। एक बार सिल्क की साड़ी में कुछ स्टोन के साथ डिजाइनिंग की तो वह साडी काफी आकर्षक बन गई। तब दोस्तों के कहने पर ज्वेलरी की डिजाइनिंग शुरू कर दी।

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