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दिवाली से पहले नर्सिंग और सफाई कर्मियों को तोहफा, एलजी ने 962 अनुबंधित कर्मचारियों को दिया सेवा विस्तार

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अनुबंधित नर्सिंग कर्मचारियों की सेवाओं को एक और वर्ष बढ़ाने की मंजूरी दी है। इससे पहले एक जुलाई 2023 को भी उन्होंने सेवा विस्तार की स्वीकृति दी थी। वर्तमान में दिल्ली सरकार के अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में 962 नर्सिंग कर्मचारी नियमित स्वीकृत पदों पर अनुबंध के आधार पर कार्य कर रहे हैं।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 23 Oct 2024 09:58 AM (IST)
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एलजी ने अनुबंधित नर्सिंग स्टाफ को सेवा विस्तार दिया। फाइल फोटो-सोशल मीडिया।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत अनुबंधित नर्सिंग कर्मचारियों की सेवाओं को एक और वर्ष या 11 अक्टूबर 2020 की एकमुश्त नियमितीकरण नीति का लाभ मिलने तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले एक जुलाई 2023 को भी उन्होंने सेवा विस्तार की स्वीकृति दी थी।

दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कार्यरत हैं ये कर्मचारी

एलजी ने स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को निर्देश दिया था कि रिक्त स्थायी पदों पर संविदा कर्मचारियों के लिए अधिसूचना जारी करें और स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया जल्द पूरी करें। वर्तमान में दिल्ली सरकार के अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में 962 नर्सिंग कर्मचारी नियमित स्वीकृत पदों पर अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं।

1507 नर्सिंग अधिकारियों के पदों के लिए विज्ञापन जारी

एलजी से अनुमोदन मांगते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 1507 नर्सिंग अधिकारियों के पदों को भरने के लिए डीएसएसएसबी द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। इन पदों के लिए परीक्षा इसी महीने होगी।

एलजी, जो स्थाई पदों को अस्थाई रूप से भरने के बजाय नियमित रूप से भरने पर लगातार जोर देते रहे हैं, ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एक बार फिर निर्देश दिया है कि सभी रिक्तियों को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जल्द भरा जाए।

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आठ माह में 858 सफाई कर्मचारियों को किया गया पक्का

शाहदरा उत्तरी जोन में मंगलवार को सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने सफाई कर्मचारियों के मुद्दे को लेकर बैठक की। इसमें निगम उपायुक्त कर्नल विनोद अत्री समेत कई अधिकारी व निगम के सफाई कर्मचारी मौजूद रहे। चेयरमैन ने निगम के अधिकारियों से पूछा कि इस वर्ष कितने सफाई कर्मचारियों को पक्का किया गया है।

जिन सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है, उनके परिवार के किस सदस्य को नौकरी दी गई है। उनका स्वास्थ्य कार्ड, बिमा समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कर्मचारियों से उनकी शिकायतें भी सुनी गई। बैठक में निगम उपायुक्त कर्नल विनोद अत्री ने कहा कि जोन में आए हुए उन्हें आठ माह हुए हैं। इन आठ में वर्ष 1996-98 व 1998-2000 के 858 सफाई कर्मचारियों को पक्का किया गया है। एक भी फाइल उनके पास रुकी हुई नहीं है।

कर्मचारियों के आरोपों को जवाब देते हुए उन्होंने उनसे चेयरमैन के सामने पूछ लिया वह अपनी शिकायतें लेकर कितनी बार उनके पास आए हैं। कोई कर्मचारी अपनी शिकायत लेकर उनके पास गया ही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह 24 घंटे निगम के कर्मचारियों व आम लोगों के लिए उपलब्ध हैं, कभी भी उनसे मुलाकात कर सकते हैं। निगम का मतलब होता है सफाई।

सफाई कर्मचारियों से ही निगम की असली पहचान होती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कर्मचारी अपने कागजात में कोई कमी न छोड़े। अगर कोई अधिकारी सफाई कर्मचारियों से किसी काम के रुपये मांगता है तो सुबूत लेकर उनके पाए आए, वह कार्रवाई करेंगे। अधिकारी हो या फिर कर्मचारी किसी के काम में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

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