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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले निगम में बदलेगा नेता सदन, चर्चा में ये तीन नाम आगे

दिल्ली नगर निगम में मेयर चुनाव के बाद अब आम आदमी पार्टी नेता सदन बदल सकती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी यह कदम उठा सकती है। वर्तमान नेता सदन मुकेश गोयल के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। ऐसे में अंकुश नारंग शैली ओबेरॉय और प्रेम चौहान नेता सदन की रेस में शामिल हैं।

By Nihal Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 21 Nov 2024 10:58 AM (IST)
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अंकुश नारंग, पूर्व मेयर शैली ओबेरॉय या प्रेम चौहान बन सकते हैं नेता सदन।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में महापौर चुनाव के बाद अब नेता सदन भी आप बदल सकती है। अगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी नया नेता सदन बना सकती है।

आदर्श नगर से चुनाव लड़ सकते हैं मुकेश गोयल 

वर्तमान नेता सदन मुकेश गोयल जब कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए थे तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह निगम के साथ ही विधानसभा चुनाव भी आप की टिकट पर लड़ेंगे। चूंकि विधानसभा चुनाव के अब कुछ ही माह शेष हैं इसलिए अगामी दिनों में इसमें बदलाव हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक नए नेता सदन की दौड़ में रंजीत नगर से पार्षद अंकुश नारंग नेता सदन बन सकते हैं। इसके अलावा पूर्व महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय या फिर दक्षिणपुरी से पार्षद व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रेम चौहान को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।

क्यों महत्वपूर्ण है नेता सदन का पद?

अगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी का नेता सदन का पद बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले दो वर्षों में आप पार्षदों ने अपनी नाराजगी या दल बदल करके दिखाई हैं तो वहीं स्थायी समिति सदस्य और वार्ड कमेटी चेयरमैन के लिए भी लोगों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी।

माना जा रहा है कि पार्षद उचित तवज्जों न मिलने से नाराज थे। ऐसे में सभी पार्षदों को साधे रखने के लिए नेता सदन का पद काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि अगामी कुछ माह में विधानसभा का चुनाव होना है और कई पार्षद हैं जो विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

समितियों का गठन ना होने से पार्षद नाराज

सूत्रों के मुताबिक स्थायी समिति, शिक्षा, ग्रामीण के आलावा तदर्थ व विशेष समितियों 27 से अधिक विभिन्न समितियों का गठन नहीं हुआ है। इन समितियों में सत्ता पक्ष के ही पार्षदों को चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन बनने का मौका मिलता है, लेकिन समितियों का गठन नहीं हुआ तो पार्षद इस बात से नाराज है। क्योंकि उन्हें पार्टी के सत्ता होने के बाद तवज्जों नहीं मिली।

अंकुश नारंग की है सबसे ज्यादा दावेदारी

सूत्रों ने बताया कि पार्टी नए नेता सदन बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसमें सबसे ज्यादा दावेदारी अंकुश नारंग की है। वह करोल बाग जोन से स्थायी समिति के सदस्य भी निर्वाचित हैं।

सूत्र बताते हैं कि डॉ. शैली ओबेरॉय को आप पार्टी मोती नगर से भी चुनाव में उतार सकती है क्योंकि पटेल नगर, करोल बाग आरक्षित विधानसभा क्षेत्र हैं। इसलिए सभी समीकरणों को देखकर आगे पार्टी निर्णय ले सकती है।

उल्लेखनीय है कि निगम में नेता सदन संवैधानिक पद नहीं है लेकिन पार्टी का प्रमुख पद होता है क्योंकि निगम में नीतिगत निर्णय में नेता सदन की अहम भूमिका होती है। साथ ही बजट को अंतिम रूप ही नेता सदन देते हैं।

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