अध्यात्म ही युवाओं को सही मार्गदर्शन दे सकता है: आचार्य प्रशांत
युवा पीढ़ी का समाज को आकार देने किसी भी धारणा को पुख्ता करने और ऊर्जा को बल देने में अहम स्थान होता है। उन्हें सार्थक राह पर ले जाने के लिए सभी को प्रयासरत होना चाहिए। शहीद भगत सिंह का उदाहरण देते हुए युवा पीढ़ी से अपील की कि जो अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा को सार्थक मार्ग पर लगाते हैं वे खुद के लिए और समाज के लिए उदाहरण बनते हैं।
प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक व पूर्व सिविल सेवा अधिकारी आचार्य प्रशांत ने कहा है कि जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद ने देश की युवा शक्ति को जगाकर उन्हें अध्यात्म की ओर प्रेरित किया, उसी तरह आज पुनः युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन की ज़रूरत है। विवेकानंद के विचार युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत माने जाते हैं।
आचार्य प्रशांत ने बताया कि हमेशा से ही अध्यात्म को प्रौढ़ों और बुजुर्गों से जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन आज के दौर में युवा पीढ़ी भी अध्यात्म के प्रति जागरूक हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म ही एक ऐसी कुंजी है जो इंसान को मुश्किल हालातों से बाहर निकालने में मदद करती है। आज के समय की सभी समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ज़रूरी है कि युवा पीढ़ी आगे आए। आचार्य प्रशांत ने कहा कि युवा पीढ़ी का समाज को आकार देने, किसी भी धारणा को पुख्ता करने और ऊर्जा को बल देने में अहम स्थान होता है। ऐसे में उन्हें सार्थक राह पर ले जाने के लिए हम सभी को प्रयासरत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सामाजिक शोषण, प्रकृति का दोहन, पशुओं के प्रति अपराध, भोगवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं को दूर करने और युवाशक्ति में अध्यात्म का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम उनकी संस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सही मार्ग पर ले जाना ही इस युग का धर्म है। आचार्य प्रशांत ने शहीद भगत सिंह का उदाहरण देते हुए युवा पीढ़ी से अपील की कि जो अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा को सार्थक मार्ग पर लगाते हैं, वे ही खुद के लिए और समाज के लिए उदाहरण बन पाते हैं।
उनकी संस्था का यूट्यूब चैनल के 50 मिलियन से भी अधिक सब्सक्राइबर हो चुके हैं, और इसके अलावा अंग्रेजी, तेलगु व अन्य भाषाओं के चैनल अलग हैं। आचार्य प्रशांत ने कहा कि युवाओं को सही मार्ग पर ले जाना और उनके जीवन को सार्थक बनाना ही इस युग का सच्चा धर्म है। उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों और उनके यूट्यूब चैनल की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा और प्रेरणा के माध्यम से युवा पीढ़ी में परिवर्तन लाया जा सकता है।
आचार्य प्रशांत, जिन्होंने आईआईटी और आईआईएम से शिक्षा प्राप्त की और एक सफल सिविल सेवा अधिकारी के रूप में कार्य किया, ने प्रशासनिक सेवा का पद त्यागकर जलवायु परिवर्तन, महिला सशक्तीकरण, पशु क्रूरता रोकने, समाज सुधार और युवाओं के लिए कार्य करने का मार्ग चुना।