'गले में खराश, आंखों में जलन...' दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का साइड इफेक्ट; लोगों ने बयां किया दर्द
राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण अपने चरम पर है। दिल्ली का आनंद विहार इलाका सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को समग्र AQI सुबह 8.30 बजे 389 था जबकि आनंद विहार का AQI 419 था जो इसे सबसे खराब वायु प्रदूषण का केंद्र बनाता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली के आनंद विहार में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के साथ ही इलाके में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ समय में यहां पर लोगों में श्वसन और गले में संक्रमण और आंखों में जलन के मामलों में वृद्धि हुई है।
आनंद विहार बस स्टैंड पर एक ऑटो-रिक्शा चालक जावेद अली ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता के साथ अपनी दिक्कतों को साझा किया। अली ने कहा, "मेरी आंखों में लगातार जलन होती है और अक्सर लाल हो जाती है, जिससे धुंधला दिखाई देता है। इससे सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाना वाकई मुश्किल हो जाता है।"
उन्होंने कहा कि हालांकि वह मास्क पहनते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसे पहनना असुविधाजनक है और इससे उनकी ठीक से सांस लेने में दिक्कत आती है।
आनंद विहार का AQI शुक्रवार को 419 था
दिल्ली का आनंद विहार इलाका सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को समग्र AQI सुबह 8.30 बजे 389 था, जबकि आनंद विहार का AQI 419 था, जो इसे सबसे खराब वायु प्रदूषण का केंद्र बनाता है।
कई दिनों से खांसी और आंखों में जलन हो रही: सुनीता
स्थानियों निवासियों पर इसका असर सिर्फ आंखों में जलन तक ही सीमित नहीं है। स्थानीय गृहिणी सुनीता कई दिनों से लगातार खांसी और आंखों में जलन से जूझ रही हैं। वह कहती हैं कि कई बार डॉक्टरों के पास जाने के बावजूद स्थायी राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा, "मैं कई बार डॉक्टरों से मिल चुकी हूं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।" दो बच्चों की मां सुप्रिया यादव अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं।दवाओं का भी नहीं हो रहा असर: सुप्रिया
उन्होंने कहा, "मेरा बच्चा पेट की समस्याओं से पीड़ित है जो कभी-कभी ठीक होती है लेकिन अक्सर बदतर हो जाती है। मैंने कई डॉक्टरों से परामर्श लिया है, लेकिन दवाओं से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।" सुप्रिया ने क्षेत्र में पानी की गिरती गुणवत्ता का भी जिक्र किया, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे उनके परिवार में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, "हम बोतलबंद पानी खरीदने में सक्षम नहीं हैं। यह सिर्फ हवा नहीं है, बल्कि पानी की गुणवत्ता भी एक बड़ा मुद्दा है।"
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