Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव के पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर, जिलों की सीमा पर बनेंगे मल्टी एजेंसी चेकपोस्ट
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सीमावर्ती जिलों में सघन चेकिंग के लिए मल्टी एजेंसी चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय ने एसपी को लंबित वारंट निपटाने और अपराधियों पर नजर रखने का आदेश दिया है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने विशेष सेल बनाकर मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध लेनदेन पर निगरानी रखने की तैयारी की है।

राज्य ब्यूरो,पटना। विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस-प्रशासन के स्तर पर भी सुरक्षा की तैयारियां शुरू हो गई है। इस बार चुनाव में सघन चेकिंग के लिए सभी जिलों की सीमा पर मल्टी एजेंसी चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। इसमें पुलिस के साथ मद्यनिषेध, केंद्रीय सुरक्षा बल समेत विभिन्न इकाइयों की टीम जांच करेगी। सीमावर्ती राज्यों से लगे जिलों में भी चेकपोस्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके लिए पड़ोसी राज्यों के पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समन्वय करने का निर्देश दिया गया है।
पुलिस मुख्यालय ने चुनाव के मद्देनजर सभी एसपी को लंबित गैर जमानतीय वारंट का थानावार मिलान कराकर निष्पादन कराने का टास्क दिया है। सभी चार्जशीटेड अपराधियों के नाम गुंडा पंजी में पंजीकृत करने और थानों में नियमित गुंडा परेड कराने को कहा गया है।
जिलाबदर किए गए अपराधियों की दैनिक गतिविधि की रिपोर्ट भी थानों में दर्ज करने को कहा गया है। अवैध शस्त्रों के विरुद्ध कार्रवाई बढ़ाते हुए उसका विस्तृत ब्योरा भी तलब किया गया है। इसके साथ ही सभी जिलों को पर्याप्त संख्या में सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) के प्रस्ताव भी भेजने का निर्देश दिया गया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान मानीटरिंग एवं कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के स्तर से भी विशेष सेल बनाए गए हैं। मादक पदार्थ (नारकोटिक्स) तस्करी की रोकथाम, साइबर अपराध, इंटरनेट मीडिया पर निगरानी और फर्जी मुद्रा और कैश के अवैध लेनदेन पर निगरानी रखने के लिए अलग-अलग सेल बनाए गए हैं।
इन चार सेल में अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों की तैनाती भी कर दी गई है। इन सभी सेल के कामकाज की सतत मानीटरिंग ईओयू के माध्यम से पुलिस मुख्यालय करेगा। यह सेल आयकर, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यरो, सशस्त्र सीमा बल जैसी केंद्रीय एजेंसियों से भी समन्वय कर सहयोग लेगा।
शराब पर भी बढ़ी निगरानी, बड़े तस्करों पर लगेगा सीसीए
विधानसभा चुनाव के दौरान शराब की तस्करी बढ़ने की आशंका को लेकर भी मॉनिटरिंग और कार्रवाई बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। राज्य में अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफिया एवं तस्करों पर सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) लगाने का प्रस्ताव भी जिलों से मांगा गया है।
पड़ोसी राज्यों से आने वाली अवैध शराब पर रोक के लिए मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के उत्पाद अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई है। इसमें सीमावर्ती इलाकों में दस किलोमीटर तक शराब की दुकानों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है।
खासकर गोपालगंज, समस्तीपुर, हाजीपुर, सारण, कैमूर, औरंगाबाद, बक्सर, जमुई जिले में अवैध शराब तस्करी को लेकर विशेष सक्रियता बरतने को कहा गया है। शराब की तस्करी रोकने को लाइन होटल, रेस्तरां, क्लब, ढाबा आदि की विशेष निगरानी और रात्रि गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
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