31 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गया था सुपरस्टार, धर्मेंद्र आज भी मानते हैं अपना 'हीरो'
जिस दौर में हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार देव आनंद और राज कपूर की तूती बोलती थी उस दौर में एक ऐसा कलाकार आया जो इस त्रिमूर्ति को अपने लुक्स और हुनर से कड़ी चुनौती दे रहा था। श्याम ने उस दौर में कई हिट फिल्में दी थीं और उस दौर की शायद ही कोई एक्ट्रेस बाकी होगी जिसके साथ उन्होंने लीड रोल ना निभाया हो।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। धर्मेंद्र को चाहने और करीब से जानने वाले इस बात से अच्छी तरह वाकिफ होंगे कि वो किसकी प्रेरणा से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बने थे।
खुद धर्मेंद्र ने कई मौकों पर यह बात स्वीकार की कि उन्हें फिल्मों की ओर आकर्षित करने का श्रेय दिलीप कुमार को जाता है, जिनकी शहीद देखने के बाद धर्मेंद्र का मन मुंबई जाने के लिए मचलने लगा था।
दिलीप साहब भले ही धर्मेंद्र की पहली प्रेरणा रहे हों, मगर उनसे पहले भी धर्मेंद्र एक ऐसे एक्टर को पसंद करते थे, जिन्होंने 40 के दौर में हिंदी सिनेमा पर राज किया था।
धर्मेंद्र ने किया याद- इक मेरा हीरो
बुधवार को धर्मेंद्र ने उनकी एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर करके भावुक संदेश लिखा। खास बात यह है कि धर्मेंद्र ने इनके नाम का जिक्र कैप्शन में नहीं किया है। फैंस को अनुमान लगाने के लिए छोड़ दिया है।
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धर्मेंद्र ने इस तस्वीर को शेयर करके लिखा- तेरी याद में... मेरा इक हीरो। इसके साथ उन्होंने ढेर सारी हार्ट इमोजी बनाई हैं। कई फैंस ने अनुमान लगाया और तस्वीर में दिख रहे कलाकार को गुरुदत्त बताया है। मगर, धर्मेंद्र ने जो सस्पेंस बनाया है, उसका सही जवाब हम आपको देते हैं।
नरगिस और सुरैया के हीरो रहे श्याम
तस्वीर में दिख रहे ये अभिनेता श्याम हैं, जिनका पूरा नाम श्याम सुंदर चड्ढा था। 20 फरवरी 1920 को सियालकोट में जन्मे श्याम चालीस के दौर के बेहद सफल अभिनेता थे और उस दौर की तकरीबन सभी लोकप्रिय अभिनेत्रियों के साथ फिल्मों में नजर आते थे। इनमें नरगिस, सुरैया, निगार सुल्ताना और नलिनी जयवंत शामिल हैं।
दिलीप कुमार से महज दो साल सीनियर श्याम ने पंजाबी फिल्मों से करियर शुरू किया था। उनकी यादगार फिल्मों में बाजार, आज और कल, चांदनी रात, मजबूर, चार दिन, पतंगा शामिल हैं। धर्मेंद्र ने जो तस्वीर शेयर की है, वो 1949 में आई फिल्म दिल्लगी के एक गाने की है।
एआर कारदार निर्देशित फिल्म में श्याम के साथ सुरैया फीमेल लीड रोल में थीं। फिल्म का संगीत नौशाद ने दिया था, जबकि गीत शकील बदायूंनी ने लिखे थे। सुरैया, मोहम्मद रफी, शमशाद बेगम और उमा देवी ने सुरों से सजाया था।
दिलीप कुमार को चुनौती माने जाते थे श्याम
श्याम ने कम उम्र में ही हिंदी सिनेमा के टॉप कलाकारों में जगह बना ली थी। हालांकि, चाहने वालों का दिल उस वक्त टूट गया, जब महज 31 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, श्याम की डेथ फिल्मिस्तान स्टूडियो में घुड़सवारी के दौरान गिरने की वजह से हुई थी। उनके सिर में गहरी चोट लगी थी।
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कहा जाता है कि श्याम की अगर असमय मृत्यु नहीं हुई होती तो वो दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर को कड़ी चुनौती देते। उस दौर के सबसे खूबसूरत कलाकारों में उनकी गिनती होती थी। श्याम, मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो के गहरे दोस्त थे और उनकी कई कहानियों की प्रेरणा भी।