Nana Patekar Birthday: 'आ गये मेरी मौत का...', रोंगटे खड़े कर देते हैं नाना के ये संवाद, यादगार हैं किरदार
Nana Patekar Birthday नाना पाटेकर ने अपने करियर में कई ऐसे किरदार निभाये हैं जो सिस्टम के खिलाफ एग्रेशन को दिखाते हैं। मगर वेलकम जैसी फिल्मों के लिए नाना ने अपनी ह्यूमरस साइड भी दिखाई। नाना की फिल्मोग्राफी में हर तरह की फिल्में शामिल हैं। एक्शन के साथ सोशल ड्रामा और कॉमेडी में उन्होंने अभिनय के रंग दिखाये हैं। नाना के अभिनय का सशक्त पक्ष उनकी संवाद अदायदगी रही है।
यशवन्त (1997)अनिल मट्टो निर्देशित फिल्म में नाना ने पुलिस अफसर का रोल निभाया था।आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने अब मुझे लटका देंगे, जुबान ऐसे बाहर आएगी, आंखें बहार आएंगी, थोड़ी देर लटकता रहूंगा, फिर ये मेरा भाई मुझे नीचे उतारेगा.. फिर आप चर्चा करते घर चले जाओगे, खाना खाओगे सो जाओगे...।
परिंदा (1989)विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित परिंदा में नाना ने गैंगस्टर का किरदार निभाया था। फिल्म में जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित मुख्य किरदारों में थे।एक मच्छर, साला एक मच्छर इंसान को आदमी से हिजड़ा बना देता है। एक खटमल पूरी रात को अपाहिज कर देता है। सुबह घर से निकलो, भीड का एक हिस्सा बनो। शाम को घर जाओ, दारू पियो और बच्चे पैदा करो।
अब तक छप्पन (2004)शिमित अमीन निर्देशित अब तक छप्पन गैंगस्टर क्राइम ड्रामा है, जिसमें नाना पाटेकर ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का किरदार निभाया था।धंधा किशन, धंधे में कोई किसी का भाई नहीं होता।
वेलकम (2007)इस कॉमेडी फिल्म में नाना ने डॉन उदय शेट्टी का रोल निभाया था।एक पुलिस इंस्पेक्टर ज्वाइंट कमिश्नर के साथ क्या बहस करेगा? उनको भी कोई बड़ा साहब बोला होगा, हम सब सिस्टम का हिस्सा हैं। सिस्टम डिसाइड करता है अपुन फॉलो करता है।
गुलाम-ए-मुस्तफा (1997) पार्थो घोष निर्देशित फिल्म में नाना ने मुस्तफा नाम के गैंगस्टर का किरदार निभाया था। रवीना टंडन फीमेल लीड में थीं।भगवान का दिया सब कुछ है। दौलत है, शोहरत है, इज्जत है।
जान मत मांगना, इसकी बाजार में कोई कीमत नहीं है।