Ramayana The Legend of Prince Rama: 31 साल बाद रिलीज हो रही 'रामायण', इन भाषाओं में दिखाई जाएगी भगवान राम की गाथा
इंडो-जपानी पौराणिक फिल्म रामायण द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम (Ramayana The Legend of Prince Rama) 31 साल बाद सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है। फरहान अख्तर गीक पिक्चर्स इंडिया के साथ इस फिल्म को भारतीय सिनेमाघरों में उतार रहे हैं। फिल्म कब रिलीज हो रही है किन-किन भाषाओं में आएगी आइए आपको फिल्म से जुड़ी सारी डिटेल्स देते हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पौराणिक कथा रामायण से प्रेरित कई फिल्में और शोज बने हैं, जो दर्शकों के दिल में एक खास जगह रखते हैं, लेकिन एक फिल्म ऐसी थी जो भारत में बैन हो गई थी। इस फिल्म का निर्माण जापान में हुआ था। हम बात कर रहे हैं रामायण द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम (Ramayana The Legend of Prince Rama) की।
साल 1992 में आई रामायण एक एनिमिटेड फिल्म है, जिसका निर्माण जापानी फिल्ममेकर यूगो साको (Yugo Sako) ने किया था और उन्होंने भारतीय फिल्ममेकर राम मोहन (Ram Mohan) के साथ फिल्म का निर्देशन किया था। सालों बाद फिल्म एक बार फिर चर्चा में आ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह पौराणिक फिल्म भारतीय सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है।
खत्म हुआ भगवान राम का वनवास!
जी हां, 31 साल के वनवास के बाद भगवान राम की कहानी भारतीय सिनेमाघरों में एनिमेटेड वर्जन में दिखाई जाएगी। फरहान अख्तर, गीक पिक्चर्स इंडिया और एए फिल्म्स के जरिए रामायण को भारत में रिलीज किया जा रहा है। हाल ही में, फिल्म का टीजर ट्रेलर सोशल मीडिया पर रिलीज किया गया, जिसने दर्शकों के दिलों में उत्साह जगा दिया।
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कब रिलीज हो रही रामायण मूवी?
रावण से पत्नी सीता को छुड़ाकर लाने और हनुमान की राम के प्रति भक्ति की झलक दिखाती रामायण द लीजेंड ऑफ प्रिंस (Ramayana The Legend of Prince Rama Release Date) दिवाली से पहले सिनेमाघरों में उतारा जा रहा है। फिल्म 18 अक्टूबर को थिएटर्स में दस्तक देगी। आप इसे हिंदी, इंग्लिश, तमिल और तेलुगु भाषाओं में देख सकते हैं। मालूम हो कि हिंदी में इसका वॉइस ओवर रामायण (Ramayan) सीरियल में भगवान राम का किरदार निभा चुके अरुण गोविल और अमरीश पुरी ने दी है।
क्यों भारत में बैन हुई थी रामायण फिल्म?
रामायण के भारत में बैन होने की कई वजह थी। पहली दिक्कत फिल्म का निर्माण जापान द्वारा किए जाने को लेकर था। विश्व हिंदू परिषद ने एक विरोध पत्र जारी कर नाराजगी जाहिर की थी। तब प्रोड्यूसर ने इस गलतफहमी को दूर कर इसे एनिमिटेड वर्जन में बनाने का सोचा और सरकार के सामने अपना प्रस्ताव रखा। मगर संवेदनशील विषय को कार्टून के फॉर्म में दिखाने पर सरकार ने असहमति जताई। सिर्फ यही नहीं, उसी दौरान भारत में राम जन्मभूमि को लेकर विवाद भी चल रहा था। ऐसे में भारत में फिल्म बनाना लगभग नामुमकिन सा हो गया।
450 आर्टिस्ट थे फिल्म का हिस्सा
आखिर में फिल्म को जापान में ही बनाया गया और दोनों देशों के लगभग 450 कलाकारों ने इसके निर्माण में योगदान दिया। फिल्म रिलीज होने के एक साल बाद पहली बार इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में दिखाई गई थी। हलांकि, उस वक्त राम जन्मभूमि को लेकर हो रहे विवाद के चलते यह फिल्म थिएटर्स में नहीं टिक पाई और आखिर में इसे टीवी पर प्रसारित किया गया। पिछले साल जब आदिपुरुष की आलोचना हुई, तब लोगों ने आदिपुरुष से इस जापानी-भारतीय फिल्म रामायण की तुलन की। लोगों ने इसे खूब पसंद किया था।
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