'मैं बस मूर्ख बना रहा था', Shah Rukh Khan ने बताया- कैसे क्रिएट हुआ उनका वर्ल्ड फेमस सिग्नेचर पोज
Shah Rukh Khan का ऐसा कोई फैन नहीं है जिसने अभिनेता का हाथ फैलाने वाला सिग्नेचर पोज न दिया हो। दुनियाभर में किंग खान के फैंस उनके लिए अपने प्यार को जाहिर करने के लिए उनका आइकॉनिक पोज रिक्रिएट करते हैं। मगर शायद ही आपको पता होगा कि उनका ये आइकॉनिक पोज कैसे क्रिएट हुआ था। हाल ही में अभिनेता ने इसके पीछे की कहानी बताई है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। शाह रुख खान बॉलीवुड को रोमांटिक किंग कहे जाते हैं। सबसे ज्यादा वह जिस चीज के लिए जाने जाते हैं, वो है उनका सिग्नेचर पोज। उन्होंने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कभी खुशी कभी गम, कभी अलविदा ना कहना, कल हो ना हो, हैप्पी न्यू ईयर और स्वदेस जैसी फिल्मों में अपना सिग्नेचर पोज दिया है। यही नहीं, जब वह अपने बंगले मन्नत से फैंस से मुलाकात करते हैं, तब भी वह इसी पोज से उनका अभिवादन करते हैं।
मगर क्या आपको पता है कि शाह रुख खान का ये सिग्नेचर पोज कैसे बना था। हाल ही में, लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित हुए पठान एक्टर ने इस आइकॉनिक पोज के पीछे की कहानी बयां की है। उन्होंने बताया कि इस आइकॉनिक पोज रिक्रिएट करने से पहले उन्हें खुद पर शर्म आती थी और वह रात भर प्रैक्टिस किया करते थे।
डिप्स न करने से परेशान हो गए थे शाह रुख
दरअसल, 90 के दशक में डिप डांस हिंदी फिल्मों में जरूर शामिल किया जाता था, लेकिन शाह रुख खान को यह नहीं आता था। ऐसे में उनके लिए एक अलग ही पोज रिक्रिएट कर दिया गया। फिल्म फेस्टिवल में शाह रुख खान ने कहा, "मैं डिप नहीं कर सकता था, जिसकी वजह से मुझे खुद पर बहुत शर्म आती थी। पूरी रात मैं अपने रूम में प्रैक्टिस किया करता था। अगली सुबह मुझे याद है मैं कोरियोग्राफर सरोज खान से कहता था, 'मैं रेडी?' वह कहतीं, 'हां, लेकिन तुम डिप्स नहीं कर सकते, तुम खड़े रहते हो और अपनी बाहें फैलाते हो।'यह भी पढ़ें- Shah Rukh Khan ने ठुकरा दी थी Devdas, नहीं बनना चाहते थे शराबी, ऐसे संजय लीला भंसाली ने किया था राजी
ऐसे क्रिएट किया सिग्नेचर पोज
शाह रुख खान ने आगे कहा, "मैंने उनके (सरोज खान) लिए डिप्स किए और उन्होंने कहा, 'नहीं नहीं, ऐसा मत करो। यह तुम पर अच्छा नहीं लग रहा।' इसलिए उन्होंने मुझे डिप नहीं करने दिया और मुझे बाहें फैलानी पड़ी। फिर मैं दूसरे सेट पर गया और एक स्टेप करना थोड़ा मुश्किल था। मैं फराह से पूछा, चलो इसे काट देते हैं और सिर्फ बाहें फैलाते हैं और मैं इसे दोहराता रहा। लगातार प्रैक्टिस के बाद मैंने इसे साइंटिफिक बना दिया।" शाह रुख ने आगे कहा, "मैं बस आप सभी को मूर्ख बना रहा था। इसमें कुछ नहीं है। बस बाहों का फैलाना है।"
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