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Throwback Thursday: 'सजना है मुझे सजना के लिए...', किस हीरोइन पर फिल्माया गया था ये गाना?

साल 1987 में दूरदर्शन पर ऑनएयर हुआ रामायण सबसे पसंदीदा पौराणिक शोज में से एक रहा है। इसके हर किरदार में दर्शकों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है। श्रीराम और माता सीता के किरदार के अलावा कैकेई की भूमिका को काफी पसंद किया गया था। क्या आपको पता है कि रामानंद सागर के शो में नजर आईं पद्मा खन्ना अमिताभ बच्चन की ऑनस्क्रीन पत्नी भी बन चुकी हैं।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Updated: Thu, 11 Jul 2024 03:41 PM (IST)
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थ्रो बैक थर्सडे में 'कैकेई' पद्मा खन्ना की कहानी/ फोटो- Jagran Graphics

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। रामानंद सागर की रामायण में श्रीराम से लेकर रावण और महाबली हनुमान तक हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में आज भी खास जगह बनाई हुई है। आज भी जब ये शो री-टेलीकास्ट किया जाता है, तो फैंस की उत्सुकता बढ़ जाती है।

अरुण गोविल से लेकर दीपिका चिखलिया तक एक्टर्स जहां भी जाते हैं, तो उन्हें वही प्यार और सम्मान फैंस देते हैं। रामानंद सागर की रामायण में उस दौर में एक और किरदार था, जिन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थी। वह किरदार था राजा दशरथ की तीसरी और सबसे प्रिय पत्नी कैकेई का, जिन्होंने श्री राम को वनवास भेजा था।

इस किरदार को अभिनेत्री पद्मा खन्ना ने निभाया था। क्या आप जानते हैं कि रामायण में कैकेई का किरदार अदा करने से पहले पद्मा खन्ना अमिताभ बच्चन की पत्नी की भूमिका भी निभा चुकी हैं।

अमिताभ बच्चन की बनी थीं पत्नी

मैं तो सज गई रे, सजना के लिए... एक समय ऐसा था जब शीशे के सामने बैठी शादीशुदा महिला की जुबान पर ये गाना जरूर आता था और वह साज-श्रृंगार करते हुए इस गाने को गुनगुनाती थी। ये गाना साल 1973 में फिल्म सौदागर में फिल्माया गया था,जिसमें अमिताभ बच्चन और दिग्गज अभिनेत्री नूतन ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

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नूतन के अलावा इस फिल्म में पद्मा ने भी मुख्य किरदार अदा किया था। ये गाना भी फिल्म में उन पर ही फिल्माया गया था, जिसे काफी प्यार मिला था।

क्या थी सौदागर की कहानी

फिल्म की कहानी गुड़ बेचकर गुजारा करने वाले दो लोगों की कहानी है। सौदागर में एक्ट्रेस ने फूलबानो की भूमिका निभाई थी, जिनसे अमिताभ बच्चन को प्यार हो जाता है और वह उनसे शादी कर लेते हैं। फिल्म में मोती का किरदार फूलबानो से ये उम्मीद करता है कि वह भी मजुबी जैसा गुड़ बनाए, लेकिन वह सारे गुड़ जला देती है और मोती का बिजनेस ठप पड़ने लगता है और धीरे-धीरे दोनों के रिश्ते में भी कड़वाहट आने लगती है।

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ऐसे ही फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। फिल्म के अंत में ये दिखाया गया है कि फूल बानो जो मोती और मुजबी की बातें सुन रही होती है, जब उसे सच्चाई पता चलती है, तो वह नूतन को गले लगाती है और कहानी यही पर अंत हो जाती है।

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1966 में पद्मा खन्ना ने रखा था इंडस्ट्री में कदम

पद्मा खन्ना अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री रह चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1966 में फिल्म बीवी और मकान से की थी।

उसके बाद उन्होंने ये जिंदगी कितनी हसीन है, साज और आवाज, बहारों के सपने, हीर रांझा, जॉनी मेरा नाम, प्यार दीवाना, सौदागर और दाग जैसी फिल्मों में काम किया। हिंदी सिनेमा के अलावा उन्होंने भोजपुरी, गुजराती, उड़िया, पंजाबी, मराठी और तेलुगु भाषा की भी कई फिल्में की।

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