Yudhra Review: एक्शन दमदार कहानी बेकार, 'युध्रा' में Siddhanth Chaturvedi का चमकता किरदार
Yudhra Movie Review अभिनेता सिद्धांत चतुर्वेदी (Siddhanth Chaturvedi) की एक्शन थ्रिलर फिल्म युध्रा सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। लंबे वक्त से फैंस इसका इंतजार कर रहे थे। एक्टर राघव जुयाल (Raghav Juyal) ने एक बार फिर से खलनायक की भूमिका में दमखम दिखाया है। लेकिन कुछ कारणों से युध्रा फीकी लगती है। आइए इस लेख में मूवी का फुल रिव्यू पढ़ते हैं।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई डेस्क। श्रीदेवी अभिनीत फिल्म मॉम का निर्देशन कर चुके रवि उध्यावर ने अब विशुद्ध एक्शन फिल्म युध्रा (Yudhra) बनाई है। एक्शन फिल्मों में नायक के अतीत या वर्तमान की कोई घटना उसे खलनायक को टक्कर देने के लिए गढ़ी जाती है।
इस ड्रामे के बीच ढेर सारे एक्शन के साथ रोमांस, नाच गाना, धोखेबाजी, पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रतिशोध जैसे पहलुओं को शामिल किया जाता है। श्रीधर राघवन द्वारा लिखी गई युध्रा की कहानी में यह सारे मसाले हैं। हालांकि यह मसाले कहीं कम कहीं ज्यादा होने की वजह से बेमजा हो गए हैं।
क्या है युध्रा की कहानी
कहानी का आरंभ समुद्र के जहाज पर युध्रा (Siddhant Chaturvedi) को गोली लगने से होता है। वहां से उसके अतीत की परतें खुलना आरंभ होती है। नारकोटिक्स ब्यूरो में कार्यरत उसके ईमानदार पिता और मां एक दुर्घटना में मारे जाते हैं। उसके पिता के करीबी दोस्त और सहकर्मी कार्तिक राठौड़ (गजराज राव) उसकी परवरिश करते हैं। पिता के करीबी दोस्त रहमान सिद्दीकी (राम कपूर) युध्रा को बेटे समान मानते हैं। रहमान की बेटी निखत (Malvika Mohanan) और युध्रा बचपन से दोस्त होते हैं।ये भी पढ़ें- Sector 36 Review: 24 से ज्यादा बच्चों की हत्या, मामा को मारकर खाया उसका मांस, मौत का खेल दिखाती है फिल्म
युध्रा बचपन से काफी गुस्सैल स्वभाव का है। गुस्सा आने पर वह अपना आपा खो बैठता है। युध्रा को खतरों से खेलने की आदत को देखते हुए उसके गुस्से को सही दिशा देने के लिए रहमान उसे पुणे में नेशनल कैडेट ट्रेनी अकेडमी (एनसीटीए) में भर्ती करा देते हैं। पुणे में ही निखत मेडिकल की पढ़ाई कर रही होती है। एक घटना की वजह से युध्रा का कोर्ट मार्शल कर दिया जाता है। युध्रा को रहमान बताता है कि उसके माता-पिता दुघर्टना में नहीं बल्कि साजिश के तहत मारे गए थे।
तब भी युध्रा उनके हत्यारों के बारे में कुछ नहीं पूछता। खैर, रहमान उसे अपने पिता के ड्रग माफिया के सफाए के अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए जेल में देश का सबसे बड़ा नेटवर्क चलाने वाले ड्रग माफिया फिरोज (राज अर्जुन) के करीब जाने का रास्ता बताता हैं। युध्रा अपने मिशन में कामयाब रहता है। जेल से निकलने के बाद फिरोज के दुश्मन को उसके रास्ते से हटाकर युध्रा उसका विश्वास जीत लेता है। फिरोज के बेटे शफीक (Raghav Juyal) को युध्रा पसंद नहीं है।
युध्रा बहुत बड़े ड्रग के खेप की जानकारी रहमान को देता है। उसके बाद रहमान से उसका संपर्क टूट जाता है। वहां से कहानी वर्तमान में आती है। युध्रा कैसे जीवित बचता है? रहमान के गायब होने की क्या वजह है? फिरोज का युध्रा के अतीत से क्या संबंध है? युध्रा के माता-पिता के असली कातिल कौन हैं? कार्तिक का सच क्या है? ऐसे कई सवालों के जवाब फिल्म में मिलेंगे।