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    अंबाला में 'आजादी की पहली लड़ाई' के नायकों को मिलेगा सम्मान, एशिया के सबसे भव्य बलिदान स्मारक का नवंबर में उद्घाटन

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 06:22 PM (IST)

    अंबाला छावनी में बन रहे 'आज़ादी की पहली लड़ाई' के शहीद स्मारक का उद्घाटन नवंबर के अंत तक होने की संभावना है। मंत्री अनिल विज ने इसे एशिया का सबसे बड़ा ...और पढ़ें

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    हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज शहीद स्मारक के बारे में बताते हुए (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि सन 1857 में लड़ी गई आजादी की पहली लड़ाई को समर्पित अंबाला छावनी में निर्माणाधीन शहीद स्मारक एशिया का सबसे बड़ा स्मारक है। इस स्मारक के माध्यम से लोगों को स्वतंत्रता संग्राम की सच्चाई और शहीदों की कुर्बानियों से अवगत कराया जाएगा।

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    उन्होंने कहा कि नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में इस स्मारक के उदघाटन होने की संभावना है और उनके द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया गया है कि वे इस विशाल व महत्वपूर्ण शहीद स्मारक का उदघाटन अपने कर-कमलों से करें।

    मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए श्री विज ने कहा कि आमतौर पर यह प्रचारित किया गया कि आजादी की पहली लड़ाई कांग्रेस द्वारा लड़ी गई। मगर कांग्रेस का जन्म 1885 में हुआ था, और इसके 28 साल पहले भी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी गई। उन्होंने बताया कि उन वीर शहीदों को आज तक उचित सम्मान नहीं मिला। उनकी कहानियों को लोगों के सामने नहीं लाया गया, उनके गीत नहीं गाए गए और उनके बलिदान के लिए कोई विशेष दिन नहीं मनाया गया।

    मंत्री अनिल विज ने क्या कहा?

    श्री अनिल विज ने बताया कि आजादी की पहली लड़ाई में अत्यंत क्रूरता हुई। लोगों को पेड़ों से बांधकर गोलियों से मारा गया, सिर कुल्हाड़ियों के नीचे रखकर कुचला गया, कई सालों तक जेलों में रखा गया और कई रेजिमेंटों को भंग कर दिया गया। इस सच्चाई को सामने लाने के लिए उन्होंने पिछले 20-25 सालों तक निरंतर प्रयास और संघर्ष किया।

    उन्होंने यह भी बताया कि शहीद स्मारक बनाने के लिए उन्होंने सरकार से अनुरोध किया और यह स्मारक अब लगभग तैयार हो चुका है। इसका उद्घाटन नवंबर के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है। श्री विज ने कहा कि चूंकि यह स्मारक अत्यंत विशाल और महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से प्रार्थना की है कि इस शहीद स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री के कर-कमलों से होना चाहिए।