Haryana OPS: पुरानी पेंशन बहाली के लिए मानसून सत्र पर टिकी कर्मचारियों की आस, वोट फार OPS की चलाई जाएगी मुहिम
Haryana Old Pension Scheme हरियाणा में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली का मुद्दा लंबे समय से प्रदेश में गरमाया हुआ है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी ओपीएस बहाली की मांग कर रहे हैं। सभी की नजरें 25 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र पर टिकी हुई हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 23 Aug 2023 05:20 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Old Pension Scheme: हरियाणा में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का मुद्दा लंबे समय से गरमाया हुआ है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी ओपीएस बहाली की मांग कर रहे हैं। सभी की नजरें 25 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र (Haryana Monsoon Session) पर टिकी हुई हैं।
चुनाव का विरोध करने की तैयारी में कर्मचारी
पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रधान विजेंद्र धारीवाल ने बताया कि सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष दलाें के विधायकों और नेताओं को ओपीएस बहाली के लिए मांगपत्र दिया जा चुका है। इस मुद्दे पर जो नेता या दल उनका साथ नहीं देगा, आने वाले चुनाव में उनका विरोध किया जाएगा।
OPS को लेकर किया जाएगा आंदोलन
विधानसभा सत्र में अगर गठबंधन सरकार ओपीएस बहाली को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठती तो प्रदेश में ओपीएस आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस पर भी नजर रखी जाएगी कि कौन सा विपक्षी दल व नेता ओपीएस बहाली के मुद्दे को लेकर विधानसभा में आवाज नहीं उठा रहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों से 20 फरवरी को मीटिंग कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन बड़े अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी।कर्मचारियों की बनाई जा रही टीमें
इस कमेटी के साथ संघर्ष समिति की केवल एक मीटिंग हुई है। इससे साफ है कि यह कमेटी केवल मुद्दे को लंबा खींचने का जरिया मात्र है। धारीवाल ने कहा कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति प्रदेश में बड़े आंदोलन की रणनीति पर काम कर रही है। विभाग, ब्लाक, जिला टीम के साथ साथ गांव और वार्ड स्तर पर भी कर्मचारियों की छोटी-छोटी मीटिंग कर वहां टीम बनाई जा रही है।
अगर जल्द ही प्रदेश में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ओपीएस बहाली नहीं की गई तो आगामी चुनावों में वोट फार ओपीएस की मुहिम चलाई जाएगी।