विस्फोटक बरामदगी और आतंकियों की गिरफ्तारी के बीच डॉ. निसार 'लापता', अल-फलाह यूनिवर्सिटी में तैनाती पर सवाल
हरियाणा में विस्फोटक मिलने और आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद डॉ. निसार अहमद के लापता होने से हड़कंप मच गया है। उनका नाम सामने आने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उनकी नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं। जांच एजेंसियां उनकी तलाश में जुटी हैं, क्योंकि इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

डाॅ. निसार उल हसन। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। भारी मात्रा में विस्फोटक और आतंकियों की गिरफ्तारी के साथ सवालों के घेरे में आई धौज स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत एक और कश्मीरी डाॅक्टर के तार आतंकियों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जम्मू कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस के संयुक्त आपरेशन के बाद से ही वो लापता है।
इस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डाॅ. निसार उल हसन बारामुला में सोपोर के अच्छाबल का रहने वाला है। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का करीबी रहा डाॅ. हसन कश्मीर डाॅक्टर्स एसोसिएशन का अध्यक्ष भी रहा है।
वह श्रीनगर स्थित एसएमएचएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत था लेकिन नवंबर 2023 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। उस समय डाॅ. हसन समेत चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था।
इसके बाद डाॅ. हसन ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी में आवेदन किया, लेकिन पुराने बैकग्राउंड पर गौर किए बिना यूनिवर्सिटी ने उसे नियुक्ति दे दी। फिलहाल, वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।
अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार, डाॅ. निसार उल हसन यूनिवर्सिटी में नहीं है और वह कहां है, इसकी जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि डाॅ. हसन को वर्ष 2014 में सरकार विरोधी बयानबाजी के लिए निलंबित किया गया था, लेकिन 2018 में यह निलंबन वापस हो गया था।

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