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खुशखबरी! फरीदाबाद में अब पानी की किल्लत हो जाएगी दूर, करोड़ों की ये परियोजना शुरू

Faridabad Drinking Water Shortage फरीदाबाद में पानी की कमी को दूर करने के लिए 2650 करोड़ रुपये की लागत से नया सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत यमुना नदी से शहरी क्षेत्र तक पानी पहुंचाने के लिए नई लाइन बिछाई जाएगी नए रेनीवेल स्थापित किए जाएंगे और बूस्टिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इस प्रक्रिया से अगले 20 सालों तक शहर में पानी की किल्लत दूर हो जाएगी।

By Susheel Bhatia Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 08 Nov 2024 08:55 PM (IST)
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Faridabad News: दूर होगी पेयजल किल्लत, 2650 करोड़ की लागत से तैयार होगा नया सिस्टम।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद।Faridabad Water Supply: औद्योगिक नगरी का लगातार विस्तार हो रहा है, नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद के रूप में एक नया शहर भी स्थापित हो चुका है। ऐसे में शहर की जनसंख्या भी बढ़ रही है। बढ़ती जनसंख्या के चलते अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ पेयजल की मांग भी लगातार बढ़ रही है।

बाकी सुविधाओं में अगर कहीं कमी है तो उसके बिना थोड़ी-बहुत परेशानी झेलने के बाद काम चल भी जाता है, पर बिन पानी के जीवन की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है। पानी की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण(एफएमडीए) ने ऐसी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है, जिसके फलीभूत होने पर अगले दो दशक तक पानी की कमी नहीं रहेगी।

एफएमडीए (FMDA) पानी की कमी को दूर करने के लिए 2650 करोड़ रुपये की लागत से नया सिस्टम विकसित करने जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद इसकी डिटेल प्रोजेक्ट योजना बनाने पर काम चल रहा है। प्रारंभिक मिली जानकारी के अनुसार यमुना नदी से शहरी क्षेत्र तक पानी पहुंचाने के लिए 92 करोड़ रुपये की लागत से नई लाइन बिछाएगी।

साथ ही 352 करोड़ रुपये की लागत से नए 22 रेनीवेल स्थापित किए जाएंगे, इसके अलावा 226 करोड़ रुपये की लागत से 40 बूस्टिंग स्टेशन व 14 करोड़ की लागत से 70 डीप ट्यबवेल यानी गहरे नलकूप स्थापित किए जाएंगे।

विपुल गोयल, शहरी निकाय मंत्री। जागरण

अभी तक की जो योजना है, उसके अनुसार रेनीवेल स्थापित करने के बाद वहां से पानी रिवर्स मेथड पद्धति के जरिए गहरे नलकूप तक पहुंचेगा, इन नलकूपों से मुख्य बूस्टिंग स्टेशनों तक पानी एकत्रित किया जाएगा।

इनसे पानी का वितरण इंटरमीडिएट बूस्टिंग स्टेशनों तक पहुंचाया जाएगा, जहां से पानी विभिन्न रिहायशी क्षेत्रों के बूस्टिंग स्टेशनों तक पहुंचेगा और वहां से पानी सुबह-शाम रिहायशी क्षेत्रों में आपूर्ति किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले 20 सालों तक शहर में पानी की किल्लत दूर हो जाएगी।

शहर में पानी की है कमी

बूस्टर तक पानी पहुंचाने का काम एफएमडीए का है। बूस्टर से शहर में पेयजल सप्लाई का जिम्मा नगर निगम का है। शहर में पेयजल आपूर्ति की मांग 450 एमएलडी और आपूर्ति 330 एमएलडी हो रही है। फिलहाल शहर में पेजयल किल्लत है। मांग व आपूर्ति में अधिक अंतर होने की वजह से शहर की काफी आबादी टैंकरों के पानी पर निर्भर है।

ददसिया में चार, लालपुर, महावतपुर, और अमीपुर में एक-एक रेनीवेल लगाए जाने हैं। लालपुर, ददसिया और महावतपुर में भी रेनीवेल लगाने का काम शुरू हो गया है। बाकी जगह किसानों से जमीन की खरीद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

विशाल बंसल, मुख्य अभियंता, एफएमडीए

नगर निगम (Faridabad Nagar Nigam) द्वारा टैंकर मुहैया नहीं कराए जाते। लोगों को अपने स्तर पर इंतजाम करना होता है। सबसे अधिक दिक्कत अरावली पहाड़ी के आसपास व एनआइटी क्षेत्र में है। पेयजल मुद्दे को लेकर जनप्रतिनिधि भी आमने-सामने हो जाते हैं। पेयजल सप्लाई को लेकर भेदभाव के आरोप लगते हैं।

वर्तमान में एफएमडीए 22 रेनीवेल का संचालन कर रहा है, परियोजना के तहत 12 रेनीवेल लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। यमुना नदी किनारे 12 और रेनीवेल लगाए जाने हैं। इनमें से मोठूका में तीन रेनीवेल का काम शुरू हो गया है। अभी तक 60 प्रतिशत काम भी पूरा हो गया है।

औद्याेगिक नगरी के लोगों की जो भी जरूरतें हैं, उन सब को पूरा करने पर हमारी सरकार काम कर रही है। पेयजल की इस परियोजना पर काम पूरा होने के बाद शहर में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी।

विपुल गोयल, शहरी निकाय मंत्री

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