Delhi-Mumbai Expressway: नोएडा-दिल्ली व एयरपोर्ट से होगी सीधी कनेक्टिविटी; DPR तैयार, 278 करोड़ की है परियोजना
Faridabad News कालिंदीकुंज रोड को चार लेन बनाने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। 278 करोड़ की इस परियोजना के तहत साहुपुरा चौक से पल्ला पुल तक 20 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। सड़क के साथ ही 20 किलोमीटर लंबा फुटपाथ और साइकिल ट्रैक भी बनाया जाएगा। इस सड़क पर छह जगह फ्लाईओवर भी बनेंगे। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी की दिल्ली, नोएडा व ग्रेटर नोएडा से सीधी कनेक्टिविटी वाली कालिंदीकुंज सड़क को चार लेन करने का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
इस परियोजना की डीपीआर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के लखनऊ स्थित मुख्यालय से स्वीकृत हो गई है। यह डीपीआर फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी भेजी जाएगी। इसके बाद दोनों विभागों के बीच एमओयू होगा। फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सितंबर 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस सड़क चार लेन बनाने की घोषणा की थी। सड़क पर मालिकाना हक उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग का है, इसलिए वही सड़क निर्माण करेगा। सड़क चार लेन बनने के बाद रोज एक लाख से अधिक वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
278 करोड़ की है परियोजना
यह पूरी परियोजना 278 करोड़ की है। इस परियोजना के तहत साहुपुरा चौक से पल्ला पुल तक 20 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क बनेगी। पल्ला पुल से यह सड़क दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का हिस्सा बन रही है जो आगे कालिंदीकुंज तक जा रही है। इसका निर्माण चल रहा है। सड़क के साथ ही 20 किलोमीटर लंबा फुटपाथ और साइकिल ट्रैक भी बनाया जाएगा। बीच में डेढ़ मीटर का डिवाइडर होगा।
वहीं, इस पर पेड़-पौधे व स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। सड़क के एक ओर ग्रीनबेल्ट भी विकसित की जाएगी। वाहनों के लिए दोनों लेन 15 मीटर चौड़ी होंगी। तीन मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक और 1.80 मीटर चौड़ा फुटपाथ बनेगा। इस सड़क पर छह जगह फ्लाईओवर भी बनेंगे।
इनमें आइएमटी, चंदावली, सेक्टर-8 बड़ौली, बीपीटीपी, खेड़ी कट व पल्ला शामिल हैं। फिलहाल जो दो लेन सड़क बनी है, इस पर एक और परत डाली जाएगी। सड़क की बगल में जो खाली जगह पड़ी है, वहां नए सिरे से सड़क बनाई जाएगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भी होगी कनेक्टिविटी
साहुपुरा के पास यह सड़क नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जाने वाले हाईवे से जुड़ जाएगी। जिले से दिल्ली सटी हुई है लेकिन जाम की वजह से वह काफी दूर हो जाती है। मिनटों का सफर घंटों में तय होता है। बदरपुर पुल बनने से थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन अन्य वैकल्पिक मार्गों से आवागमन करने वाले आज भी परेशान हैं।
दिल्ली जाने का दूसरा रास्ता सूरजकुंड खतरनाक माना जाता है। यहां लूटपाट के अलावा दुर्घटनाएं भी काफी होती रहती हैं। इसके अलावा नोएडा व ग्रेटर नोएडा जाने के लिए दिल्ली पार करना बेहद परेशानी भरा है। यमुना नदी बीच में आने के कारण दिल्ली व पलवल से घूमकर जाना पड़ता है।
50 हजार वाहन चालक करते हैं आवागमन
आगरा नहर किनारे बनी इस सड़क का प्रयोग रोज एक लाख से अधिक वाहन चालक करते हैं। इनमें दक्षिणी दिल्ली व ग्रेटर नोएडा में नौकरी या अन्य काम की वजह से आने-जाने वाले हैं। इसके अलावा ग्रेटर फरीदाबाद में बन रहे फ्लैटों में रहने वाले हजारों लोगों व आसपास के गांव के लोगों का भी यह मुख्य रास्ता है। आइएमटी में विकसित हो रहे औद्याेगिक शहर में आने वाले, उद्योगपति व कामगार का दिल्ली व नोएडा जाना बेहद सुगम हो जाएगा।
डीपीआर में पूरे सड़क का नक्शा तैयार किया गया है। जल्द प्राधिकरण के अधिकारियों संग बैठक करेंगे। इसमें डीपीआर पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। टेंडर प्रक्रिया के लिए बजट की मांग की जाएगी। उम्मीद है कि इसी साल सड़क निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। काम शुरू होने के डेढ़ साल में ही इसे पूरा भी कर देंगे। - विनोद कुमार सिंह, कार्यकारी अभियंता, हैड वर्क्स खंड आगरा नहर ओखला नई दिल्ली