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PG संचालक की हत्या का सनसनीखेज खुलासा, महिला ने क्यों कराया मर्डर? सामने आया वारदात का सच

Gurugram Murder Case पुलिस ने पीजी संचालक की हत्या का सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस की जांच में पता चला कि पीजी संचालक ने जिस महिला को कमेटी में डालने के लिए 10 लाख रुपये दिए थे उसी ने पैसे लौटाने की बजाय अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दे डाला। जानिए आखिर पूरा मामला क्या है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 25 Nov 2024 03:22 PM (IST)
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पुलिस ने पीजी संचालक की हत्या का खुलासा किया है। जागरण फोटो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम में गांव शिकोहपुर के रहने वाले पीजी संचालक राजेंद्र की हत्या मामले की गुत्थी क्राइम ब्रांच की मानेसर टीम ने सुलझा ली है। कमेटी में डालने के लिए उन्होंने जिस महिला को 10 लाख रुपये दिए थे, उसी ने पैसे लौटाने की बजाय अपने जानकारों के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी।

पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए कार में शव डालकर रेवाड़ी-नारनाल रोड पर फेंक दिया था। टीम ने छानबीन करते हुए तीनाें आरोपितों को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया। वारदात में प्रयोग की गई कार एवं राजेंद्र की सोने की चेन भी आरोपितों के कब्जे से बरामद कर ली गई।

अपने पीजी पर 22 नवंबर को गए थे राजेंद्र

कारोबारी 52 वर्षीय राजेंद्र अपनी कार से आईएमटी मानेसर में संचालित अपने पीजी पर 22 नवंबर को गए थे। जब 23 नवंबर की सुबह तक नहीं लौटे ताे स्वजन ने खोजबीन शुरू की। ढूंढते-ढूंढते गांव की तरफ हाईवे की सर्विस लेन पर कार खड़ी मिली। कार लाक थी लेकिन उसमें राजेंद्र नहीं थे। काफी ढूंढने के बाद मानेसर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

पूछताछ में सुलझ गई हत्या की गुत्थी

वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में क्राइम ब्रांच की मानेसर टीम को लगाया गया। छानबीन करते हुए टीम ने राजेंद्र की जानकार आइएमटी सेक्टर-एक निवासी 42 वर्षीय महिला सुषमा एवं चरखी दादरी जिले के नौरंगाबास गांव निवासी 37 वर्षीय अनिल से पूछताछ की। पूछताछ में ही हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पूछताछ के मुताबिक आरोपित सुषमा का शटरिंग का काम है।

ऐसे रची थी हत्या की साजिश

आरोपित अनिल ने अपनी गाड़ियां सुषमा के काम पर लगाई हुई हैं। राजेंद्र ने सुषमा को कमेटी डालने के लिए 10 लाख रुपये थे। पैसे डालने की बजाय सुषमा ने पैसे खर्च कर दिए। जब पैसे लौटाने को लेकर राजेंद्र ने जोर डाला तो सुषमा ने कहा कि उसने अपनी जानकारी गांव डूंडाहेड़ा निवासी 48 वर्षीय सीमा को पैसे दे दिए हैं। जब राजेंद्र ने सीमा मिलवाने के लिए कहा तो सुषमा ने अनिल व सीमा के साथ मिलकर उनकी हत्या करने की साजिश रच दी।

सीमा को 50 हजार रुपये देने का किया वादा

सीमा को इसके बदले 50 हजार रुपये देने का वादा किया। साजिशन उन्हें 22 नवंबर को सुषमा ने अपने घर पर शाम छह बजे बुलाया। जब वह पहुंचे तो वहां अनिल व सीमा भी थे। अनिल ने चाय बनाई। सभी को पीने के लिए दी। राजेंद्र की चाय में अलग से नशीला पदार्थ मिला दिया था। इस वजह से वह पीते ही बेहोश गए थे। सुषमा ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। सीमा को दोनों ने वापस उसके घर भेज दिया। फिर राजेंद्र की कार हाईवे की सर्विस लेन के किनारे खड़ी कर दी।

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इसके बाद शव को अपनी कार में डालकर दोनों ले गए और रेवाड़ी-नारनौल हाईवे के पास फेंक दिया। दोनों से पूछताछ के बाद सीमा को गिरफ्तार किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) वरुण दहिया का कहना है कि आरोपितों ने स्वजन व पुलिस को गुमराह करने के लिए शव दूर ले जाकर हाईवे के किनारे फेंका था।

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