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Gurgaon Vidhan Sabha Chunav Result: गुरुग्राम की चारों विधानसभा सीटों पर खिला कमल, BJP की इस नीति का मिला पार्टी को लाभ

Gurgaon Vidhan sabha Chunav result गुरुग्राम की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत मिली है। गुड़गांव से मुकेश शर्मा बादशाहपुर से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह पटौदी से पूर्व विधायक बिमला चौधरी एवं सोहना से पूर्व विधायक तेजपाल तंवर ने पार्टी की विजय पताका फहरा दिया है। जिले की चारों विस सीटों पर पहली बार 2014 में भाजपा का कमल खिला था।

By Abhishek Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 09 Oct 2024 09:33 AM (IST)
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गुरुग्राम में जीत से उत्साहित भाजपा प्रत्याशी। फोटो- जागरण
आदित्य राज, गुरुग्राम। आर्थिक नगरी के नाम से पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाले गुरुग्राम की चारों विधानसभा सीटों पर एक बार फिर कमल खिला है। पिछली बार गुड़गांव, पटौदी एवं सोहना सीट जीतने में भाजपा कामयाब हो गई थी, लेकिन बादशाहपुर सीट हार गई थी। ऐंटी इनकम्बेंसी फैक्टर का असर न दिखे, इसके लिए इस पार्टी ने पिछला चुनाव लड़ने वाले चारों उम्मीदवारों को बदल दिया था। यह रणनीति पूरी तरह सफल रही।

गुड़गांव से मुकेश शर्मा, बादशाहपुर से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी से पूर्व विधायक बिमला चौधरी एवं सोहना से पूर्व विधायक तेजपाल तंवर ने पार्टी की विजय पताका फहरा दिया है। जिले की तीन विधानसभा सीटों गुड़गांव, बादशाहपुर एवं पटौदी पर शुरू से ही पार्टी की स्थिति बेहतर मानी जा रही थी।

गुड़गांव में मिली आसान जीत 

खासकर बादशाहपुर एवं पटौदी को लेकर भाजपा पूरी तरह आश्वास्त थी। गुड़गांव में कांटे की टक्कर होगी, यह पार्टी मानकर चल रही थी। किंतु यहां पर भी पार्टी ने आसान जीत हासिल की। सोहना में शुरू से ही पार्टी की स्थिति कमजोर दिख रही थी, क्योंकि पार्टी के दो-दो मजबूत बागी मैदान में थे।

एक बागी सुभाष बंसल को तो पार्टी में मनाने में कामयाब हो गई थी, लेकिन कल्याण नहीं माने थे। यदि पार्टी चौहान को भी मनाने में कामयाब हो जाती तो सोहना में भी आसान जीत होती। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भाजपा ने पिछले चारों उम्मीदवारों को बदलकर कांग्रेस के हमलावर तेवर को कमजोर कर दिया था।

एक भाषा बोल रहे थे सभी नेता

यही नहीं, चारों प्रत्याशी से लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता वही भाषा बोल रहे थे, जो विपक्षी बोल रहे थे। इससे भी विपक्ष का हमलावर तेवर कमजोर हुआ। विपक्ष समस्याओं को प्रमुखता से उठा रहा था। भाजपा के प्रत्याशियों ने समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया, बल्कि स्वीकार किया कि समस्याएं हैं। सड़कें टूटी हैं, जलभराव, प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या है।

सीवर जाम की परेशानी है, यह भाजपा के प्रत्याशियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया। साथ ही यह भी भरोसा जताया कि उन्हें मौका मिला तो समस्याएं दिखाई नहीं देंगी। मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशियों के वादे पर विश्वास किया। यही वजह है कि हर तरफ समस्याएं ही समस्याएं दिखाई देने के बाद भी भाजपा चारों सीट आसानी से जीतने में कामयाब हो गई। केवल एक सीट सोहना ही जीतने के लिए उसे मशक्कत करनी पड़ी।

वर्ष 2024 ने वर्ष 2014 का इतिहास दोहराया

जिले की चारों विस सीटों पर पहली बार 2014 में भाजपा का कमल खिला था। गुड़गांव विस क्षेत्र से उमेश अग्रवाल, बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, सोहना से तेजपाल तंवर एवं पटौदी से बिमला चौधरी ने जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में चारों का टिकट काटकर गुड़गांव से सुधीर सिंगला, बादशाहपुर से मनीष यादव, सोहना से संजय सिंह एवं पटौदी से सत्यप्रकाश जरावता को मैदान में उतारा गया था।

इनमें से बादशाहपुर सीट भाजपा हार गई थी। इस बार फिर पिछले चारों उम्मीदवारों को पार्टी ने बदल दिया। इस बार उम्मीदवारों को बदलने की रणनीति सौ फीसद सफल रही यानी वर्ष 2024 ने 2014 का इतिहास दोहरा दिया।

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि सोहना से बागी प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान को पार्टी मना सकती थी। इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं किया गया। इस वजह से सोहना विधानसभा क्षेत्र से जीत के लिए मशक्कत करनी पड़ी।

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