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पैसे न होने पर लोन लेकर ठगों को दिए 20 लाख, गुरुग्राम के शख्स और साइबर जालसाजों की ये हरकत जान हो जाएंगे हैरान

साइबर ठगों ने गुरुग्राम के एक युवक को डिजिटल अरेस्ट में लेकर 20 लाख रुपये का लोन लेकर ठगी की। फर्जी पुलिस और वित्त मंत्रालय के अधिकारी बनकर ठगों ने पीड़ित को डराया-धमकाया और बैंक से लोन लेने के लिए मजबूर किया। साइबर ठगों ने गुरुग्राम के एक युवक को पहले फीडेक्स कूरियर कंपनी के नाम से फोन किया।जानिए कैसे आप खुद को ऐसे साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं।

By Vinay Trivedi Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 20 Nov 2024 11:05 PM (IST)
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पुलिस अधिकारी बन तीन घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठग नए-नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। वे लोगों से उनकी जमापूंजी लूटकर उन्हें कंगाल तो बना ही रहे हैं, वहीं ठगी के लिए वह पीड़ितों को डरा-धमकाकर बैंक से लोन लेने के लिए भी मजबूर कर रहे हैं। इसी तरह की ठगी का एक मामला बुधवार को सामने आया है।

साइबर ठगों ने गुरुग्राम के एक युवक को पहले फीडेक्स कूरियर कंपनी के नाम से फोन किया। कथित रूप से ताइवान भेजे जा रहे कूरियर में अवैध सामग्री होने और उसे मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे होने का डर दिखाया गया।

गिरफ्तार करने की दी धमकी

पुलिस अधिकारी बनकर ठगों ने गिरफ्तारी की बात कहते हुए पैसे भेजने की धमकी दी। युवक को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। ठगों के चीखने चिल्लाने से युवक काफी डर गया। ठगों ने उससे बैंक खातों की जानकारी ली।

जब ठगों को यह पता लगा कि पीड़ित के खाते में पैसे नहीं हैं तो उसको बैंक से 20 लाख का लोन लेने के लिए मजबूर किया। डिजिटल अरेस्ट के दौरान ही बैंक से लोन मिल गया। इसके बाद ठगों ने ये रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए।

निजी कंपनी में काम करता है पीड़ित

सेक्टर-43 निवासी अक्षित सेठी ने साइबर थाना ईस्ट पुलिस को बताया कि वह निजी कंपनी में काम करते हैं। बीते दिनों उनके पास फीडेक्स कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर किसी ने फोन किया। कहा कि उनके नाम से एक कूरियर ताइवान के अरमान अली को भेजा गया है। इसमें 15 किलो दवाइयां व गैर कानूनी सामान है।

जालसाजों ने इस तरह दिया पीड़ित को झांसा

इस कूरियर को कस्टम विभाग ने जब्त किया और एनसीबी ने एफआईआर दर्ज की है। अक्षित ने किसी प्रकार का कूरियर नहीं भेजने के लिए कहा। इस पर उनकी कॉल को कथित रूप से मुंबई क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया। फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर एक व्यक्ति ने अक्षित को वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। कहा कि उनकी आइडी को हैक कर लिया गया है। उनके बैंक खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया जा रहा है।

वीडियो कॉल कर वित्त मंत्रालय के अधिकारी से मिलाया

अक्षित ने जब इससे भी इनकार किया तो कथित रूप से एक अन्य व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया। इस बार आरोपित ने अपना परिचय वित्त मंत्रालय के अधिकारी के रूप में कराया। उन्हें कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए, साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग में पहले से फंसे अपराधी नवाब मलिक के साथ उनके संबंध होने का आरोप लगाया गया। तेज आवाज में चिल्लाकर आरोपियों ने बात की और पुलिस केस में फंसने व गिरफ्तारी का डर दिखाया।

इस पर वह डर गए और पूछताछ के लिए कहा। आरोपितों ने उनसे खातों की जानकारी ली। छह महीने के लेनदेन के बारे में पूछा। जब आरोपितों को यह पता लगा कि उनके खाते में रुपये नहीं हैं, तब उनसे बैंक द्वारा पर्सनल लोन लेने और खातों की जांच के नाम पर रुपये भेजने के लिए कहा। धमकी दी कि अगर रुपये नहीं भेजे गए तो पुलिस उनकी कोई मदद नहीं करेगी।

20 लाख रुपये का लिया लोन

अक्षित ने वीडियो कॉल के दौरान ही ऑनलाइन एप से आईसीआईसीआई बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लिया। यह लोन उन्होंने 10 प्रतिशत ब्याज दर पर छह साल के लिए लिया। लोन जल्दी मिलने के लिए उनसे बैंक को फोन भी कराया गया। एक घंटे के अंदर उनका लोन पास हो गया और खाते में पैसे आ गए। जब वह ठगों को पैसे भेज रहे थे तो दो बार बैंक ने उनके पेमेंट को सुरक्षा का हवाला देकर रोक दिया।

आरोपियों ने उनसे बैंक को रुपये ट्रांसफर करने के लिए ई-मेल कराया। इसके बाद तीसरी बार में राशि ठगों के खातों में ट्रांसफर की गई। यह भी कहा गया कि जल्द ही जांच के बाद उनके रुपये वापस भेज दिए जाएंगे। लेकिन फोन कटने के बाद आरोपितों का फोन स्विच हो गया। इस पर उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ।

ऐसे करें बचाव

  • यदि आपको कोई अनजान फोन काल या मैसेज आता है, जिसमें आपको डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी जा रही हो, तो उसे नजरअंदाज करें और कभी भी अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
  • यदि फोन करने वाला अपने आप को पुलिस अधिकारी होने का दावा करता तो उनकी पहचान की जांच करें और उनके दावे की पुष्टि करने के लिए उनके अधिकारिक नंबर पर फोन करें।
  • किसी भी राज्य की पुलिस डिजिटल अरेस्ट कर पूछताछ नहीं कर सकती है, तो ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे फोन आने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
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