मनु भाकर के गांव में बाढ़ जैसे हालात, खानपुर-चिड़िया माइनर टूटने से दो गांवों में बिगड़े हालात, पलायन करने पर ग्रामीण मजबूर
खानपुर और चिड़िया माइनर टूटने से हरियाणा के गोराया और खोड़रा गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। करीब 12 हजार की आबादी प्रभावित हुई है और 30 से ज्यादा परिवारों को पलायन करना पड़ा है। घरों में पानी भरने से सामान खराब हो गया है और फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। पानी निकासी के प्रयास में प्रशासन जुट गए हैं।
संवाद सूत्र, साल्हावास। क्षेत्र से होकर गुजर रही खानपुर व चिड़िया माइनर के टूटने से ओलिंपियन मनु भाकर के गांव गोरिया व समीपवर्ती गांव खोरड़ा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सुबह जब ग्रामीण सोकर उठे तो उन्हें अलग ही तरह की विपदा का सामना करना पड़ा।
दिन चढ़ने के साथ-साथ गांव की गलियों तक पानी पहुंचना शुरू हो गया था। दोनों गांवों की करीब 12 हजार की आबादी एकाएक आई इस मुसीबत से प्रभावित हुई है। खास तौर पर निचले इलाके में रहने वाले करीब 30 से ज्यादा परिवारों को पलायन तक करना पड़ा है। गांव के जोहड़ से लेकर फिरनी तक के एरिया में हर जगह पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
माइनर टूटने से बढ़ी मुसीबत
फसल से लेकर पशुधन तक को संभालने में ग्रामीणों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। इधर, बिगड़े हालात को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी टीम के साथ गांव में डटे हुए हैं। फिलहाल, व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पावर प्लांट की तरफ जाने वाली ड्रेन से पानी की निकासी करवाई जा रही है।
अगर रात को बरसात नहीं हुई तो रविवार दोपहर बाद तक स्थिति सामान्य हो सकती है। माइनर के दो स्थानों से टूटने का कारण बरसात की वजह से बनी ओवरफ्लो की स्थिति को माना जा रहा है।
दूषित पानी से बीमारियों होने का अंदेशा
ग्रामीणों के अनुसार बरसात के दौरान खानपुर माइनर व चिड़िया माइनर में क्षमता से अधिक भर जाने की वजह से वह टूट गई। जिस कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। जोहड़ ओवरफ्लो हो गए और उनसे निकला दूषित पानी गलियों व घरों में जमा हो गया।
घरों में रखा घरेलू सामान इनवर्टर, बैटरी, अनाज भंडारण, फर्नीचर इत्यादि अन्य सामान खराब हुआ है। घरों के अंदर पानी जमा होने की समस्या से परेशान होकर ग्रामीणों को घर से जरूरी सामान लेकर ऊंचाई वाले क्षेत्र को पलायन करना पड़ा।
महामारी का खतरा बन गया
ग्रामीण विशेष, कुलदीप, विनोद ने बताया कि गांव की अधिकतर गलियों सरकारी स्कूल के पास, जोहड़ की पाल के नजदीक, पंचायत भवन के सामने, भूखरान धर्मशाला के समीप गलियों में चार से पांच फीट तक बरसाती पानी जमा है। ऐसे में एक तरफ महामारी का खतरा बन गया है।
दूसरी और पानी की निकासी नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को आने-जाने में काफी कठिनाई हो रही है। घरों के अंदर गंदा पानी भरने से ग्रामीण घरेलू सामान को निकालकर दूसरे मकान में शिफ्ट कर रहे है। गंदा बदबूदार पानी घरों के अंदर रखें अनाज के ठेके तक भी पहुंच गया।
बरसात की वजह से बने ऐसे हालात
ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार को दिन रात हुई तेज बरसात के कारण चिड़िया, दुधवा, बागोत, नया गांव इत्यादि गांवों से निकले पानी की वजह से यह स्थिति बनी हैं। गोरिया से भडंगी गांव को जाने वाले रोड से होकर गुजर रहीं खानपुर माइनर बीच में से टूट गईं। जिससे गांव में भारी मात्रा में जलभराव की समस्या आन बनी है।
मातनहेल तहसीलदार जयवीर ने बताया कि टूटी माइनर को ठीक करवाया जा रहा है। प्लांट के अधिकारियों से बात करते हुए व्यवस्था की गई है। बताते है कि विकल्प के तौर पर प्लांट से जो ड्रेन निकल रहीं है, उसको खुलवाया गया है। ऐसा होने से जल्द ही हालात सामान्य होने की उम्मीद बनती दिख रही है।
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सरपंच बोले पानी निकासी के किए जा रहे प्रयास
गोरिया सरपंच अजीत ने बताया कि उनके गांव में 8 से 10 किलोमीटर क्षेत्र के दायरे के अंतर्गत आने वाले गांवों का पानी आता है। क्योंकि गांव में झुकाव है, पानी निकासी का स्रोत एनटीपीसी झाड़ली के पास मौजूद ड्रेन है। जहां पानी की निकासी होती है।
ड्रेन के खुल जाने पर पानी का स्तर कम हो सकता है। दूसरी ओर खेतों में जल भराव होने से किसानों की फसल भी उसमें डूब गई, जिस कारण उन्हें खेती में भी भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल दो मोटर व पंप सेट लगाकर पानी निकासी के प्रयास किए जा रहे है। ताकि जल्द से जल्द हालात सामान्य हो सके।
समस्या के बारे प्रशासन अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। उनसे ड्रेन खुलवाने के लिए गुजारिश की गई है, ड्रेन बंद होने से गलियों व घरों में पानी जमा हुआ है। मोटर व पंप सेट के माध्यम से पानी निकासी के प्रयास जारी है।
- अजीत, सरपंच, गांव गोरिया
माइनर के टूटने से आसपास गांव का पानी भी गोरिया गांव में आता है। जिस वजह से जलभराव की समस्या पैदा हुई है।
- विशेष, ग्रामीण
पानी निकासी का स्थायी समाधान केवल ड्रेन से निकासी है। ग्रामीणों ने मांग रखते हुए कहा कि बरसाती सीजन में ड्रेन को खुला रखा जाए। ताकि दोबारा ऐसी नौबत न आए।
- विनोद, ग्रामीण
गांव गोरिया : आबादी करीब 8 हजार
पूरा गांव प्रभावित, जोहड़ से लेकर फिरनी तक पानी भर गया है, 25 लोगों को घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है।
गांव खोरड़ा : आबादी करीब 4 हजार
गांव गोरिया में खानपुर माइनर टूटी है और गांव खोरड़ा में चिड़िया माइनर ओवरफ्लो होने से टूटी है।
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