हरियाणा में वंचित अनुसूचित जाति वर्ग को नायब सरकार ने दिया आरक्षण का तोहफा, 19 साल बाद पूरी हुई मांग
हरियाणा में वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) वर्ग के 34 लाख लोगों को 19 साल के लंबे संघर्ष के बाद आरक्षण का लाभ मिला है। शिक्षा के क्षेत्र में पहले से ही आरक्षण का लाभ पा रहे डीएससी वर्ग के लोगों को अब सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस वर्ग की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। प्रदेश के वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) समाज के लोगों को 19 साल के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद आरक्षण में वर्गीकरण का लाभ मिला है। प्रदेश की भाजपा सरकार साल 2020 से शिक्षा के क्षेत्र में इस आरक्षण वर्गीकरण का लाभ डीएससी समाज के लोगों को दे रही थी, सरकारी नौकरियों में 19 साल से यह लाभ बंद था।
साल 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वंचित अनुसूचित जाति के लोगों को शिक्षा में आरक्षण वर्गीकरण का लाभ दिया था और अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकारी नौकरियों में इस समाज को आरक्षण का लाभ प्रदान कर डीएससी वर्ग की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।
आरक्षण वर्गीकरण से वंचित थे 34 लाख लोग
वंचित अनुसूचित जाति वर्ग के करीब 34 लाख लोग हैं, जो इस आरक्षण वर्गीकरण के लाभ से वंचित थे। पूरे राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 65 लाख है, जिसमें अन्य अनुसूचित जाति वर्ग (ओएससी) के 31 लाख लोग हैं और इस श्रेणी में अनुसूचित जाति की छह बिरादरी आती हैं।वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) वर्ग के 34 लाख लोगों में 42 बिरादरियां शामिल हैं, जो कि लंबे समय से आरक्षण के लाभ से वंचित थी। आरक्षण का वर्गीकरण नहीं होने के चलते इस पूरी व्यवस्था का लाभ कुछ ही जातियों को मिल पा रहा था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार ने आरक्षण का वर्गीकरण कर अब अन्य अनुसूचित जाति (ओएससी) और वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) वर्ग के लिए 10-10 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान कर दिया है।
सरकार के फैसले से खुश है यह जाति वर्ग
प्रदेश का वंचित अनुसूचित जाति वर्ग सरकार के इस फैसले से बेहद खुश है, जिस कारण इस समाज के लोगों ने रविवार को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी माने जाने वाले जींद में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का अभिनंदन करने का अहम निर्णय लिया है।
महर्षि वाल्मीकि जयंती का राज्य स्तरीय समारोह भी रविवार को ही जींद में मनाया जा रहा है। वाल्मीकि जयंती हालांकि 17 अक्टूबर को थी, लेकिन उस दिन राज्य में तीसरी बार बनी भाजपा सरकार का दायित्व ग्रहण समारोह था, जिस कारण वाल्मीकि जयंती का राज्य स्तरीय कार्यक्रम किसी दूसरे दिन आयोजित करने का नीतिगत निर्णय सरकार की ओर से लिया गया था।यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा की 13 कमेटियों का गठन, आफताब अहमद को लोक लेखा समिति की कमान; जानिए किस समिति के कौन बने चेयरमैन
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।