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हरियाणा में वंचित अनुसूचित जाति वर्ग को नायब सरकार ने दिया आरक्षण का तोहफा, 19 साल बाद पूरी हुई मांग

हरियाणा में वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) वर्ग के 34 लाख लोगों को 19 साल के लंबे संघर्ष के बाद आरक्षण का लाभ मिला है। शिक्षा के क्षेत्र में पहले से ही आरक्षण का लाभ पा रहे डीएससी वर्ग के लोगों को अब सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस वर्ग की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 24 Nov 2024 10:09 AM (IST)
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वंचित अनुसूचित जाति वर्ग के 34 लाख लोगों को 19 साल बाद मिला आरक्षण का लाभ (फाइल फोटो)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। प्रदेश के वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) समाज के लोगों को 19 साल के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद आरक्षण में वर्गीकरण का लाभ मिला है। प्रदेश की भाजपा सरकार साल 2020 से शिक्षा के क्षेत्र में इस आरक्षण वर्गीकरण का लाभ डीएससी समाज के लोगों को दे रही थी, सरकारी नौकरियों में 19 साल से यह लाभ बंद था।

साल 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वंचित अनुसूचित जाति के लोगों को शिक्षा में आरक्षण वर्गीकरण का लाभ दिया था और अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकारी नौकरियों में इस समाज को आरक्षण का लाभ प्रदान कर डीएससी वर्ग की बरसों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।

आरक्षण वर्गीकरण से वंचित थे 34 लाख लोग

वंचित अनुसूचित जाति वर्ग के करीब 34 लाख लोग हैं, जो इस आरक्षण वर्गीकरण के लाभ से वंचित थे। पूरे राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 65 लाख है, जिसमें अन्य अनुसूचित जाति वर्ग (ओएससी) के 31 लाख लोग हैं और इस श्रेणी में अनुसूचित जाति की छह बिरादरी आती हैं।

वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) वर्ग के 34 लाख लोगों में 42 बिरादरियां शामिल हैं, जो कि लंबे समय से आरक्षण के लाभ से वंचित थी। आरक्षण का वर्गीकरण नहीं होने के चलते इस पूरी व्यवस्था का लाभ कुछ ही जातियों को मिल पा रहा था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार ने आरक्षण का वर्गीकरण कर अब अन्य अनुसूचित जाति (ओएससी) और वंचित अनुसूचित जाति (डीएससी) वर्ग के लिए 10-10 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान कर दिया है।

सरकार के फैसले से खुश है यह जाति वर्ग

प्रदेश का वंचित अनुसूचित जाति वर्ग सरकार के इस फैसले से बेहद खुश है, जिस कारण इस समाज के लोगों ने रविवार को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी माने जाने वाले जींद में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का अभिनंदन करने का अहम निर्णय लिया है।

महर्षि वाल्मीकि जयंती का राज्य स्तरीय समारोह भी रविवार को ही जींद में मनाया जा रहा है। वाल्मीकि जयंती हालांकि 17 अक्टूबर को थी, लेकिन उस दिन राज्य में तीसरी बार बनी भाजपा सरकार का दायित्व ग्रहण समारोह था, जिस कारण वाल्मीकि जयंती का राज्य स्तरीय कार्यक्रम किसी दूसरे दिन आयोजित करने का नीतिगत निर्णय सरकार की ओर से लिया गया था।

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कै. अमरिंदर सिंह ने बनाया था कानून, हुड्डा ने बंद कर दिया था

कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के अनुसार 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल की सरकार ने आरक्षण में वर्गीकरण किया था, लेकिन इसे कैबिनेट में तो पास कर दिया गया था, मगर एक्ट नहीं बनाया गया था, जिसका फायदा उठाते हुए साल 2005 में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने आरक्षण में वर्गीकरण की इस सुविधा को पूरी तरह से बंद कर दिया था।

अब अनुसूचित जाति के लोगों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण के वर्गीकरण का लाभ शिक्षा व नौकरियां दोनों में मिलना चालू हो गया है, जिसके लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी का अभिनंदन किया जा रहा है। वहीं, जींद के एकलव्य स्टेडियम में रविवार को होने वाले राज्य स्तरीय महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह के लिए प्रदेश सरकार ने 1200 बसें लगाई हैं।

सभी जिलों से बसें लोगों को लेकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगी। परिवहन निदेशालय की ओर से सभी रोडवेज महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बसों के साथ समन्वयक रहेंगे जो कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को आयोजन स्थल तक पहुंचाना और वापसी सुनिश्चित करेंगे।

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