Move to Jagran APP

हरियाणा: 'पिता फौजी, खुद बनना चाहते थे पुलिस', नायब सैनी की मां बोलीं- विश्वास था बेटा दूसरी बार भी बनेगा सीएम

हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का सपना हमेशा से जनसेवा का रहा है। सेना में रहकर देश की सेवा करने वाले उनके पिता तेलूराम के निधन के बाद नायब सैनी ने राजनीति में कदम रखा और अब प्रदेश के शीर्ष पद पर पहुंच गए हैं। सीएम बनने के बाद नायब सैनी के परिवार और गांव में खुशी का माहौल है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 18 Oct 2024 07:43 AM (IST)
Hero Image
हरियाणा: नायब सैनी की मां बोलीं- विश्वास था बेटा दूसरी बार भी बनेगा सीएम।

दीपक बहल, अंबाला। मुझे पूरा यकीन था बेटा प्रदेश की सेवा करेगा। ऐसा ही हुआ। बेटे ने जैसे ही पंचकूला में शपथ ली उनका विश्वास खरा उतरा। नायब के पिता तेलूराम अब इस दुनिया में नहीं हैं, उन्होंने सेना में रहते हुए बार्डर पर देश की सेवा की थी अब बेटा प्रदेश की जनता की सेवा करेगा।

नायब सिंह पहले फौज में जाकर देश की सेवा करना चाहता था। पिता तेलूराम ने चीन और पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भाग लिया था। साल 2005 में बतौर हवलदार उनकी सेवानिवृत्ति पठानकोट से हुई थी। सेवानिवृत्ति के बाद साल 2005 में ही उनको दिल का दौरा पड़ा और उनका देहांत हो गया।

राजनीति में रहकर की देश सेवा

पिता की मौत के बाद नायब ने ठान लिया था कि देश सेवा करनी है तो यह राजनीति में रहकर भी की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और आगे बढ़ते गए। यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मां कुलवंत कौर का।

उधर, नायब के मुख्यमंत्री बनने पर परिवार के साथ-साथ पूरा मिर्जापुर गांव खुश दिखाई दिया। लोगों ने मिठाई बांटी। नायब सिंह सैनी राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे और वे नियमित रूप से सभी कार्यक्रमों शामिल होते रहे।।

1960 में मिर्जापुर आया था परिवार

नायब सिंह सैनी व उनका परिवार पहले जिला कुरुक्षेत्र के गांव मंडौली जट्टान में रहते थे। साल 1960 में वहां से परिवार अंबाला जिला के नारायणगढ़ हलके के मिर्जापुर गांव में आ गया। साल 2000 में उनकी शादी सुमन सैनी से हुई, जो राजनीतिक परिवार से हैं।

साल 2019 में सुमन सैनी ने जिला परिषद चेयरमैन का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गईं। नायब सिंह सैनी का बेटा अनिकते ला की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटी वंशिका 12वीं कक्षा की छात्रा हैं।

वाहे गुरु....तेरा ही आसरा...

मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले नायब सिंह सैनी ने पंचकूला के गुरुद्वारा नाडा साहिब व माता मनसा देवी के मंदिर में मत्था टेककर पूजा अर्चना की। नायब सैनी ने पंचकूला के वाल्मीकि मंदिर में भी मत्था टेका और महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया।

हादसे ने पुलिस भर्ती का रास्ता रोका

सीएम नायब सिंह सैनी का सपना जनसेवा का शुरू से ही रहा था। अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ ही उन्होंने पुलिस भर्ती के लिए तैयारी की थी। एक हादसा ऐसा हुआ कि सैनी पुलिस सेवा में नहीं जा सके।

सीएम नायब सिंह सैनी के ताऊ तेजा सिंह ने बताया कि नायब सैनी शुरू से ही पुलिस में भर्ती होना चाहता था। एक बेसहारा पशु ने उनको टक्कर मार दी, जिससे उनकी टांग टूट गई थी।

सेवा का जज्बा लिये नायब ने राजनीति में कदम रख दिया। इस पर ताऊ ने कहा था कि अब इसको रोकना मत।

यह भी पढ़ें- हरियाणा का बेदाग मंत्रिमंडल: किसी मंत्री पर नहीं कोई केस, CM समेत 14 मंत्री को मिली कुर्सी; ऐसी है नायब कैबिनेट

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।