हरियाणा में छोटी गलतियों पर अब नहीं चलेगा मुकदमा, अपराध दोहराया तो लगेगा जुर्माना
हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 17 विभागों से जुड़े 42 अधिनियमों में संशोधन किया है, जिससे 164 तरह के प्रावधान अपराध की श्रेणी से बाहर हो गए हैं। अब छोटी गलतियों जैसे सड़क किनारे पशु बांधने पर मुकदमा नहीं होगा, बल्कि मौके पर ही जुर्माना लगाकर मामला निपटा दिया जाएगा। ग्राम सभा की बैठकों के लिए भी उपस्थिति की सीमा को कम कर दिया गया है।

हरियाणा में छोटी गलतियों पर अब नहीं चलेगा मुकदमा। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब छोटी-छोटी गलतियों के लिए अदालत के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राज्य सरकार ने जनता को राहत देने और अदालतों का बोझ घटाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।
17 विभागों से जुड़े 42 अधिनियमों में संशोधन कर 164 तरह के प्रविधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति से छोटी गलती होती है, मसलन सड़क किनारे पशु बांधने, सार्वजनिक स्थान पर कपड़े धोने या नगरपालिका की पाइपलाइन को क्षति पहुंचाने पर मुकदमा दर्ज नहीं होगा।
आरोपित को चेतावनी देकर या मामूली जुर्माना लेकर मामला खत्म हो जाएगा। अभी तक इन मामलों में एफआइआर दर्ज कर कोर्ट में केस चलता था। आरोपित को पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर ही सुनवाई कर उचित जुर्माना लगा मामला निपटा देंगे। पहली गलती पर सलाह या चेतावनी दी जाएगी, जबकि गलती दोहराने पर चालान या जुर्माना लगेगा।
सरकार ने अपराध की गंभीरता के आधार पर जुर्माने की राशि तय की है। सड़क या सार्वजनिक जगह पर कपड़े धोने, पशुओं को सार्वजनिक स्थलों पर बांधने, बिना अनुमति बाजार में सामान बेचने, नगरपालिका की नालियों या सीवरेज लाइन को नुकसान पहुंचाने व कुत्तों को खुला छोड़ना या नगर निगम के आदेशों की अवहेलना करने के मामलों में 500 रुपये जुर्माना तय किया गया है।
नहर तैरकर पार करने पर पहली बार एक हजार दो दूसरी बार लगेगा एक लाख जुर्माना नहर तैरकर पार करने पर एक हजार रुपये जुर्माना लगेगा या छह माह जेल होगी। दोहराने पर जुर्माना एक लाख रुपये तक हो जाएगा। अपराधियों की मदद करने या तलाशी में बाधा डालने पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद लकड़ी की बिक्री करने पर भी 50 हजार रुपये का दंड तय किया है।
ज्वलनशील पदार्थों के अनुचित भंडारण, सफाई कर्मचारी के बिना सूचना अनुपस्थित रहने व नगर निकाय के आदेशों का पालन न करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना होगा। कृषि क्षेत्र में भी सरकार ने अनुशासन का संदेश दिया है। सर्वे चिह्नों को नुकसान पहुंचाने पर 10 हजार, खेत में सिंचाई रोकने पर 20 हजार तथा गन्ना खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी करने पर 25 से 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा।
बार-बार गलती दोहराने पर जुर्माना एक लाख तक और लाइसेंस एक वर्ष के लिए निलंबित करने के प्रविधान किए हैं। ग्राम सभा की बैठकों में 40 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति पर्याप्त राज्य सरकार ने पंचायत व्यवस्था में सुधार के लिए भी बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल ने हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश-2025 को मंजूरी दे दी है। अब ग्राम सभा की बैठकों में 40 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति पर्याप्त मानी जाएगी। यदि बैठक स्थगित होती हैं, तो पहले स्थगन में 30 और दूसरे स्थगन में 20 प्रतिशत उपस्थिति पर बैठक वैध मानी जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।