पंचकूला में डॉक्टरों की हड़ताल, मचा हाहाकार, ओपीडी में बढ़ी भीड़, मरीज भटक रहे, ऑपरेशन रुके, पोस्टमार्टम के लिए बाहर से बुलाना पड़ा स्टाफ
पंचकूला में डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है, जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। ऑपरेशन स्थगि ...और पढ़ें

डॉक्टरों की कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। इससे सबसे ज्यादा असर सर्जिकल सेवाओं पर पड़ा। 20 ऑपरेशन की तारीख आगे बढ़ाई गई। पोस्टमार्टम के लिए भी स्टाफ बाहर से बुलाना पड़ा। ओपीडी में भी भीड़ बढ़ने से हालात और मुश्किल हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को डाॅक्टरों की मांगों पर किसी भी तरह की वार्ता या समाधान का प्रयास नहीं किया गया, जिसके कारण मंगलवार को भी कार्य बहिष्कार पर हैं। मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कंसल्टेंट और डीएनबी डॉक्टरों की अस्थायी तैनाती की है, लेकिन ये डाॅक्टर सीमित सेवाएं ही दे पा रहे हैं।
फिलहाल वे केवल सामान्य दवा लिखने तक ही सीमित हैं, जबकि गंभीर मरीजों को उचित इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।हड़ताल का सबसे बड़ा असर सर्जिकल सेवाओं पर पड़ रहा है।
सोमवार को ऑर्थोपेडिक और जनरल सर्जरी विभाग में एक भी बड़ा ऑपरेशन नहीं हुआ था और मंगलवार को भी कई ऑपरेशन नहीं किए जाएंगे। ईएनटी, नेत्र और गायनेकोलाॅजी विभाग में केवल अत्यावश्यक सर्जरी ही की गईं। करीब 20 सर्जरी स्थगित करनी पड़ीं।
डाॅक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर विभाग प्रभावी बातचीत नहीं करता, हड़ताल खत्म नहीं होगी। दूसरी ओर मरीजों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं का रुकना आम लोगों के लिए भारी परेशानी खड़ी कर रहा है और सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, मरीजों की सुविधा के लिए 8 डाॅक्टर मुलाना मेडिकल काॅलेज से बुलाए गए, जबकि 23 कंसलटेंट और डीएनबी डाक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई। इमरजेंसी और पोस्टमार्टम के लिए भी अलग से स्टाफ तैनात किया गया।

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