Air Pollution: दिल्ली की तरह गैस का चैंबर बना रेवाड़ी, दमघोंटू हुई हवा; एक्यूआई 400 के पार
बढ़ते हुए प्रदूषण की रोकथाम के लिए बेशक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत तीसरे चरण की पाबंदियां लागू हैं लेकिन इसके बावजूद न केवल अधिकारियों की तरफ से अनदेखी की जा रही बल्कि लोगों की तरफ से भी लापरवाही की जा रही है। न केवल कचरे को खुले में फेंका जा रहा है बल्कि उसे आग के हवाले भी किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता , रेवाड़ी। सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी रेवाड़ी जिला सुबह से ही स्मॉग की चादर में लिपटा हुआ नजर आया। इससे पहले रविवार को जिले में दोपहर बाद भारी स्मॉग छाना शुरू हुआ था। भारी स्मॉग का असर यह है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
यह प्रदूषण का स्तर स्वस्थ लोगों के साथ मौजूदा बीमारी से पीड़ित लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा विशेषकर बच्चों में बुजुर्गों की परेशानी अधिक बढ़ने वाली है। लोगों को आंखों में जलन के साथ ही सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सोमवार को रेवाड़ी जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 दर्ज किया गया जो कि इस सीजन में अभी तक का सबसे अधिक है।
स्मॉग से विजिबिलिटी हुई कम
इससे पहले रविवार को रेवाड़ी जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 दर्ज किया गया था। भारी स्मॉग के कारण दृश्यता भी बेहद कम रही जिसके कारण वाहन चालक हेडलाइट जलाकर अपने गंतव्य की ओर जाते हुए दिखाई दिए। शहरी क्षेत्र में जहां दृश्यता 100 मीटर के आसपास रही वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 50 मीटर के आसपास रही।
जिले में खुले में कचरा जलाया जा रहा है। कचरे से निकलने वाला जहरीला धुआं वायु में घुलकर उसे प्रदूषित कर रहा है। इसके अतिरिक्त ग्रेप-3 में प्रतिबंधित वाहनों का भी धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।
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