Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोहतक में बाल मजदूरी का भंडाफोड़, तीन मासूमों को को छुड़ाया

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 03:34 PM (IST)

    रोहतक के सुखपुरा क्षेत्र में, एमडीडी ऑफ़ इंडिया और मानव तस्करी रोधी टीम ने बाल मजदूरी कर रहे तीन नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया। सीडब्ल्यूसी ने बच्चों के माता-पिता को चेतावनी दी और बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए डीईओ को पत्र लिखा। बाल मजदूरी को समाप्त करने और बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का संकल्प लिया गया।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, रोहतक। सुखपुरा क्षेत्र में बाल मजदूरी कर रहे तीन नाबालिग बच्चों को एमडीडी आफ इंडिया और मानव तस्करी रोधी टीम ने छापा मारकर मुक्त कराया। इनमें एक बच्चा 8 वर्ष, दूसरा 10 वर्ष और तीसरा 14 वर्ष का पाया गया, जो हलवाई और गोलगप्पे की दुकान पर मजदूरी कर रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्रवाई टीम में सहायक समन्वयक विकास और विजय सैनी शामिल रहे। बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया गया, जहां सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष एडवोकेट सतीश कौशिक ने उनके माता-पिता को बुलाकर समझाया कि बच्चों से मजदूरी करवाना कानूनी अपराध है। चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में ऐसा दोबारा पाया गया तो एफआइआर दर्ज की जाएगी।

    अध्यक्ष कौशिक ने बताया कि तीनों बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को पत्र भेजा गया है। उन्होंने अपील की कि कोई भी होटल, फैक्ट्री, नर्सिंग होम या ईंट भट्टा संचालक बच्चों से मजदूरी न करवाए। यदि कहीं बाल मजदूरी का मामला दिखे तो तुरंत बाल कल्याण समिति, रोहतक को सूचित करें।

    एडवोकेट कौशिक ने कहा कि डीसी रोहतक और हरियाणा के मुख्यमंत्री बाल मजदूरी और भिक्षा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा और विकास की मुख्यधारा में लाना हम सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है।