Gohana vidhan sabha Chunav Result: गोहाना सीट पर कांग्रेस का थमा विजय रथ, BJP के अरविंद शर्मा जीते
Gohana election Result सोनीपत जिले की गोहाना सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनावों से कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा था लेकिन इस बार उसका विजय रथ थम गया। भाजपा प्रत्याशी ने लगातार तीन विधानसभा चुनावों से जीत दर्ज कर रहे कांग्रेस विधायक को हरा दिया। उनकी जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है और मिठाई बांटकर जश्न मना रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, सोनीपत। Gohana vidhan sabha Election Result 2024: सोनीपत जिले की गोहाना सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनावों से कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा था, लेकिन इस बार कांग्रेस का विजय रथ थम गया है। पिछने तीन विधानसभा चुनावों से हार रही भाजपा ने आखिरकार जीत का स्वाद चख लिया है।
पांच अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों का परिणाम आठ अक्टूबर को आ गया। भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा ने कांग्रेस के विधायक और प्रत्याशी जगबीर सिंह मलिक को 110,429 वोटों से हरा दिया है।
क्या रहा है इतिहास
कांग्रेस ने गोहाना से जगबीर सिंह मलिक को प्रत्याशी बनाया है, जो 2009, 2014 व 2019 से लगातार विधायक थे। भाजपा ने डॉ. अरविंद शर्मा को प्रत्याशी उम्मीदवार बनाया, जिनपर भी सभी की निगाहें टिकी थीं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार राजबीर दहिया और हर्ष छिक्कारा भी मजबूत स्थिति में थे, लेकिन वो अपनी जीत दर्ज नहीं करा सके।
डॉ. अरविंद शर्मा की जीत के कारण
- ब्राह्मण समाज का बड़ा और मजबूत चेहरा
- गैर जाट वर्ग ने एकजुट होकर उनका साथ दिया
- डॉ. शर्मा द्वारा सीधा संपर्क करने से उनको जाटों ने भी वोट दिए
- निर्दलीय प्रत्याशी हर्ष छिक्कारा व राजबीर दहिया के मैदान में आने से जाटों के वोट बंटे
- डॉ. शर्मा लोगों को तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने का विश्वास दिलाने में कामयाब रहे
- भाजपा द्वारा बिना पर्ची खर्ची के नौकरी देने का फायदा मिला
- शहर के मतदाताओं ने उनकी झोली भरी, गांवों में भी अच्छे वोट मिले
- कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा मिला
- भाजपा से टिकट के स्थानीय दावेदारों को मैनेज करने में कामयाब रहे
जगबीर सिंह मलिक की हार का कारण
- लगातार लंबे समय तक विधायक रहने से एंटी इनकंबेंसी
- टिकट के दूसरे दावेदार मायूस रहे और चुनाव में मेहनत नहीं की
- जो टिकट मांग रहे थे वे बाद में कहीं नजर नहीं आए
- ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस का प्रभाव था, वहां से निर्दलीय हर्ष छिक्कारा व राजबीर दहिया ने काफी वोट लिए
- चुनाव में प्रचार के दौरान गैर जाट के लोग साथ तो नजर आए लेकिन वोट कम मिले
- निर्दलीयों के कारण जाट वोट बंटने से उनको नुकसान हुआ
- गैर जाटों ने एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया और जाटों ने भी कई जगह साथ दिया
- चुनाव से पहले भ्रामक प्रचार करने से नुकसान हुआ