Dalai Lama Birthday: 88 साल के हुए धर्मगुरु, मैक्लोडगंज के बौद्ध मंदिर में होगी पूजा-अर्चना; सिक्किम के CM होंगे शामिल
Dalai Lama Birthday दलाई लामा का आज जन्मदिन है। तिब्बती समुदाय के लोग बड़े ही खुश हैं। मैक्लोडगंज के बौद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना होगी। तिब्बती समुदाय के साथ-साथ विदेशी नागरिक भी मौजूद होंगे। दलाई लामा की आज 89वीं जन्मतिथि है। वहीं इन दिनों धर्मगुरु अमेरिका के दौरे पर हैं। जानकारी के अनुसार 28 जून को उनके घुटनों की सर्जरी है।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। Dalai Lama Birthday: धर्मगुरु दलाई लामा की 89वीं जन्मतिथि शनिवार को मैक्लोडगंज स्थित मुख्य बौद्ध मंदिर में मनाई जा रही है।
इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना भी की जाएगी और मुख्य अतिथि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग होंगे। वह शुक्रवार को कैबिनेट के सदस्यों के साथ मैक्लोडगंज पहुंच गए हैं। कार्यक्रम में निर्वासित सरकार के अधिकारी, प्रतिनिधि व तिब्बती समुदाय के लोगों के साथ-साथ विदेशी भी भाग लेंगे।
धर्मगुरु की दीर्घायु के लिए होगी कामना
इस दौरान धर्मगुरु की दीर्घायु के लिए कामना करेंगे। 14वें दलाई लामा तेजिंन ग्यात्सो का जन्म छह जुलाई, 1935 को पूर्वी तिब्बत में हुआ था। चीन सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण उन्हें तिब्बत छोड़ना पड़ा था।#WATCH | Himachal Pradesh | Tibetan Buddhist monks offer early morning prayers at Dorje Drak Monastery, in Shimla to celebrate the 89th Birthday of the 14th Dalai Lama. pic.twitter.com/9HvMKlhxaz
— ANI (@ANI) July 6, 2024
वह 31 मार्च, 1959 को भारत आए थे। उसके बाद वह मैक्लोडगंज में रहकर तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन दिनों दलाई लामा अमेरिका में हैं। 28 जून को उनके घुटने की सर्जरी हुई है। वर्तमान में वह स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
तिब्बत में कार्यक्रमों के आयोजन पर चीन ने लगाया प्रतिबंध
चीन सरकार ने तिब्बत में दलाई लामा की जन्मतिथि पर होने वाले कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह चीन सरकार की घबराहट का नतीजा है। निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने कहा कि इन हालात में तिब्बत में लोग कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकेंगे।यह भी पढ़ें: Himachal News: 'पहले अपने गिरेबान में देखे...', परिवारवाद को लेकर प्रतिभा सिंह ने भाजपा को सुनाई खरी-खरी बकौल पेंपा सेरिंग, दुनिया मल्टीपल टूरिज्म की ओर बढ़ रही है लेकिन चीन यूनी कल्चरल की ओर बढ़ रहा है। तिब्बत में चीनी भाषा पढ़ाई जा रही है। ऐसे में चीन तिब्बत में तिब्बती भाषा को नष्ट कर देगा। अमेरिका तिब्बत के समर्थन में एक नया कानून लेकर आया है। तिब्बती लोग नए कानून तिब्बत संकल्प अधिनियम पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिकीराष्ट्रपति का इंतजार कर रहे हैं।
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