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Asian Games में जीता रजत पदक, हरमिलन बैंस के धावक जीवन की धर्मशाला से हुई थी शुरूआत

Asian Games 2023 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतने वाली भारत की हरमिलन बैंस का धर्मशाला से काफी समय तक संबंध रहा है। यहां हरमिलन ने न केवल बतौर धावक अपने जीवन की शुरुआत करी बल्कि पूरी दुनिया में जब आपदा का दौर चल रहा था तब भी हरमिलन ने धर्मशाला को ही अपने हुनर को निखारने का स्थान बनाया जिसके लिए उसने विशेष अनुमति भी हासिल की।

By dinesh katochEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 02 Oct 2023 04:02 PM (IST)
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धर्मशाला से हुई थी हरमिलन बैंस के धावक जीवन की शुरूआत, फाइल फोटो
मुनीष गारिया, धर्मशाला। Asian Games 2023: एशियन खेलों की 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतने वाली भारत की हरमिलन बैंस (Harmalin Bains Won  Silver Medal in Running) का धर्मशाला से काफी समय तक संबंध रहा है। हरमिलन बैंस की बतौर धावक शुरुआत धर्मशाला से हुई है। यहां हरमिलन ने न केवल बतौर धावक अपने जीवन की शुरुआत करी, बल्कि पूरी दुनिया में जब आपदा का दौर चल रहा था तब भी हरमिलन ने धर्मशाला को ही अपने हुनर को निखारने का स्थान बनाया जिसके लिए उसने विशेष अनुमति भी हासिल की।

इस हाॅस्टल से की थी शुरूआत

2015 में हर मिलन कौर का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण एवं साई हॉस्टल धर्मशाला में हुआ। 2015 से हरमिलन ने होस्टल कोच केयर सिंह पटियाल से प्रशिक्षण लिया। 2015 से 2018 तक हर मिलन ने साई हॉस्टल धर्मशाला में प्रशिक्षण लिया और राष्ट्रीय मेडल भी हासिल के इसके अलावा हॉस्टल में रहते हुए हर मिलन ने जूनियर वर्ग में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी भाग लिया एवं भारत का प्रतिनिधित्व किया।

कोरोना के समय धर्मशाला में कर रही थी प्रैक्टिस 

हॉस्टल में कार्यकाल खत्म होने के बाद साई हास्टल को हर मिलन ने छोड़ दिया और उसके बाद वह अन्य स्थानों पर प्रशिक्षण के लिए गई। 2020 में आई कोरोना महामारी ने लंबे समय तक लोगों को एक ही जगह पर फंसा कर रख दिया था। आपदा के उस समय में हरमिलन को एक बार फिर से धर्मशाला की याद आई।

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इंदु गोस्वामी ने दी थी अनुमति

यहां के पर्यावरण एवं शुद्ध आवो हवा में प्रशिक्षण लेने की सोची। इसके लिए हर मिलन बैंस ने राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी से बातचीत की जिस पर हिंदू गोस्वामी ने जिला प्रशासन को कहा कि हर मिलन भैंस को सिंथेटिक ट्रैक धर्मशाला में प्रशिक्षण करने की अनुमति दी जाए राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी के खाने एवं हर मिलन के प्रार्थना पर तत्कालीन उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने हर मिलन को सिंथेटिक ट्रैक धर्मशाला में अभ्यास करने की अनुमति दी।

कोरोना महामारी के समय हरमिलन ने धर्मशाला में अपनी प्रशिक्षण जारी रखा और अब एशियन खेलों में भारत के हिस्से रजत पदक डाल दिया है।

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