बिजली महादेव रोपवे: PM के ड्रीम प्रोजेक्ट पर देव संसद ने जताया विरोध, मोदी ने लिया संज्ञान; जेपी नड्डा को सौंपी जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बिजली महादेव रोपवे को लेकर देव संसद ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि रोपवे निर्माण से धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। पीएम मोदी ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए जेपी नड्डा को सभी पक्षों से बात कर समाधान निकालने की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि सबकी सहमति से रास्ता निकाला जा सके।

कुल्लू की पहाड़ी पर स्थित बिजली महादेव मंदिर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। जागरण आर्काइव
संवाद सहयोगी, कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में निर्माणाधीन बिजली महादेव रोपवे के विरोध का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है।
इसमें पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह व राष्ट्रीय कार्यालय सचिव महेंद्र पांडे को भी शामिल किया गया है। महेंद्र पांडे हिमाचल भाजपा के प्रभारी भी रहे हैं।
कमेटी कल दिल्ली में करेगी बैठक
कमेटी तीन नवंबर को बिजली महादेव रोपवे संघर्ष समिति के साथ नई दिल्ली में बैठक करेगी। बैठक में पूर्व सांसद एवं भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह भी शामिल होंगे। पीएम मोदी को रोपवे संघर्ष समिति के अलावा भाजपा नेताओं ने भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया था।
पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट पर देवी संसद में जताया विरोध
बिजली महादेव रोपवे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को नग्गर में हुई बड़ी जगती (देव संसद) में देवी-देवताओं ने बिजली महादेव रोपवे का विरोध जताया है।
देव स्थलों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
देवी-देवताओं ने साफ कहा कि देव स्थलों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर इसे बंद नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जगती में कुल्लू, मंडी व लाहुल स्पीति के 260 देवी-देवताओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
गूर के माध्यम से जताया है विरोध
बिजली महादेव रोपवे का ग्रामीण कई वर्ष से विरोध कर रहे हैं। बिजली महादेव भी अपने गूर (पुजारी) के माध्यम से रोपवे का विरोध जता चुके हैं। कहा गया था कि देव स्थलों को पर्यटन स्थल न बनाया जाए।
देवता की शांति भंग होने की आशंका जताई
रोपवे बनने से देवता की शांति भंग होने की आशंका जताई गई थी। वर्ष में तीन माह 15 दिसंबर से 15 मार्च तक बिजली महादेव मंदिर के कपाट बंद होते हैं। इस दौरान देवता को शोर-शराबा नहीं चाहिए होता है।
नौ पंचायतों के लोग हैं विरोध में
खराहल और कशावरी फाटी की नौ पंचायतों के लोग रोपवे के विरोध में उतरे हैं। विरोध के बावजूद बिजली महादेव रोपवे को वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत पहले चरण की अनुमति मिल चुकी है।
2.3 किलोमीटर लंबे रोपवे का गडकरी ने किया था भूमि पूजन
रोपवे का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) कंपनी कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पांच मार्च 2024 को 284 करोड़ रुपये से बनने वाले 2.3 किलोमीटर लंबे बिजली महादेव रोपवे का भूमि पूजन वर्चुअल माध्यम से किया था।
बिजली महादेव रोपवे को लेकर प्रधानमंत्री ने जेपी नड्डा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसकी बैठक तीन नवंबर को नई दिल्ली में होगी। इसमें हम लोग अपना पक्ष रखेंगे। देवी-देवताओं ने भी बड़ी जगती में रोपवे का विरोध किया है।
-महेश्वर सिंह, पूर्व सांसद एवं छड़ीबरदार भगवान रघुनाथ जी।
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