हिमाचल शिक्षा विभाग में पुरानी पेंशन योजना से वंचित स्टाफ को राहत, दोबारा दे सकेंगे OPS का विकल्प; निदेशक ने क्या दिए निर्देश?
हिमाचल शिक्षा विभाग ने पुरानी पेंशन योजना से वंचित कर्मचारियों को एक और मौका दिया है। निदेशक ने निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे कर्मचारी दोबारा OPS का विकल्प चुन सकते हैं। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो पहले इस योजना का लाभ नहीं ले पाए थे। विभाग जल्द ही आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देगा।

हिमाचल शिक्षा विभाग ने ओपीएस को लेकर बड़ा निर्देश दिया है। प्रतीकात्मक फाेटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में सेवानिवृत्त व सेवारत शिक्षक जो पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित हैं, उनके लिए राहत भरी खबर है। ये शिक्षक पुरानी पेंशन के लिए पात्र होंगे। शनिवार को निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे शिक्षक व कर्मचारी, जिन्हें हाई कोर्ट के आदेशों के तहत उनकी प्रारंभिक अनुबंध नियुक्ति तिथि से नियमित माना गया है, अब उन्हें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ मिलेगा। भले ही उन्होंने यह विकल्प 60 दिनों की निर्धारित अवधि के बाद दिया हो।
4 मई 2023 को वित्त विभाग ने ओपीएस को लेकर अधिसूचना जारी की थी, इसमें एनपीएस कर्मचारियों से पुरानी पेंशन में आने का विकल्प मांगा था। 60 दिन के भीतर यह विकल्प इन्हें देना था। उस समय कई कर्मचारी 10 वर्ष की सेवा पूरी नहीं करते थे। जिसके चलते वह ओपीएस के लिए पात्र नहीं माने गए थे। यह वजह थी कि उन्होंने एनपीएस से ओपीएस में आने का विकल्प वित्त विभाग को नहीं किया।
कई मामले हाई कोर्ट में वंचित
कई शिक्षकों के मामले हाई कोर्ट में विचाराधीन थे। हाइ कोर्ट के कुलदीप चंद बनाम राज्य सरकार व राज्य सरकार बनाम ओम प्रकाश के अनुपालन में कई कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति तिथि से नियमित माना गया। इससे उनकी सेवा अवधि 10 वर्ष से अधिक हो गई और वे पेंशन लाभ के लिए पात्र बन गए।
विभाग ने इन कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण इसलिए खारिज हो गए, क्योंकि उन्होंने ओपीएस के लिए विकल्प 60 दिन की अवधि के बाद दिया था। इस पर कई सेवानिवृत्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की।
याचिकाकर्ताओं को 60 दिन की अवधि बीतने के बाद भी विकल्प की अनुमति दी
कोर्ट ने फूलमति बनाम राज्य सरकार, और लक्ष्मण दास ठाकुर बनाम राज्य सरकार मामलों में याचिकाकर्ताओं को 60 दिन की अवधि बीत जाने के बाद भी ओपीएस का विकल्प देने की अनुमति दी। इसी क्रम में शिक्षा विभाग ने अब सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में वित्तीय वर्ष के लेखा महानियंत्रक (एजी) को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं।
पात्र कर्मचारियों, सेवानिवृत्त शिक्षकों को ओपीएस का लाभ दिलाया जाए। यह आदेश टीजीटी (सेवानिवृत्त) चंपा देवी के मामले में उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में जारी किया गया है। यह सभी समान मामलों पर लागू होगा।

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