खुशखबरी! हिमाचल में टेंपो ट्रैवलर को मिलेगा रूट परमिट, ग्रामीण इलाकों में बढ़ेगी यातायात सुविधा
हिमाचल प्रदेश में निजी बसों की तरह अब टैंपो ट्रैवलर को भी रूट परमिट मिलेंगे। परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों के उन रूटों पर जहां कम सवारियां रहती हैं वहां टैंपो ट्रैवलर चलाए जाएंगे। इससे न तो आप्रेटर को घाटा होगा और न ही लोगों को यातायात सुविधा की कमी रहेगी।
अनिल ठाकुर, शिमला। Himachal Pradesh News: हिमाचल में निजी बसों की तर्ज पर अब टेंपो ट्रैवलर को भी रूट परमिट मिलेंगे। परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार निजी ऑपरेटरों को रूटों पर टेंपों ट्रैवलर चलाने के लिए परमिट देगी। बसों का जैसे रूट परमिट मिलता है उसी तर्ज पर टेंपों ट्रैवलर को भी परमिट मिलेगा।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) की अध्यक्षता में बीते दिनों राज्य सचिवालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
परिवहन विभाग ने आरटीओ के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में इसका सर्वे करवाया है कि किन रूटों पर इन्हें चलाया जा सकता है। 250 के करीब रूट चिन्हित किए जा चुके हैं।
सरकार का तर्क है कि ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों पर काफी कम सवारियां रहती हैं। जिसके कारण निजी ऑपरेटर ये रूट लेते ही नहीं। सरकारी बस हर स्थान पर चलाना संभव नहीं है। टेंपों ट्रैवलर में सीटें कम होती है और उतनी सवारियां रूट पर मिल जाएगी। ऐसे में न तो आप्रेटर को घाटा होगा। लोगों को भी बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी।
वाहनों की ये है स्थिति
एचआरटीसी के बेड़े में 3180 बसें हैं। जबकि निजी क्षेत्र में करीब 3300 बसें चलती है। टेंपों ट्रैवलर आने से परिवहन व्यवस्था मजबूत होगी। खासतौर से ग्रामीण और संकीर्ण इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा।एचआरटीसी ने 200 टेंपों ट्रेवलर खरीदने को दी है मंजूरी
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी घाटे वाले रूटों पर टेंपों ट्रैवलर चलाने जा रहा है। एचआरटीसी के निदेशक मंडल में इसकी मंजूरी मिल चुकी है।
यह भी पढ़ें- हिमाचल में होम स्टे के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य, नियमों में बदलाव की तैयारी में सरकार; कैबिनेट करेगी फैसलाबीते दिनों उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निगम की समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि इसका फायदा लोगों को भी मिले।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह भी पढ़ें- हिमाचल में क्यों बनाए जाते थे CPS, क्या होता था इनका काम और क्या मिलती थी सुविधाएं?सभी आरटीओ से इसके लिए सर्वे करने को कहा गया था कि किन रूटों पर टेंपों ट्रैवलर को चलाया जा सकता है। 250 के करीब रूट अभी तक चिन्हित किए जा चुके हैं। लोग काफी ज्यादा इच्छुक है। विभाग इस का पूरा प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजेगा। योजना को जल्द शुरू करने की तैयारी है।
-डीसी नेगी, परिवहन निदेशक