मालदार बनाने के लिए सिर्फ ये 2 फल ही काफी, बाजार में कीमत 500 रुपए KG; ऐसे फायदे किसी दूसरे फ्रूट में नहीं
हिमाचल प्रदेश के बागवानों के लिए खुशखबरी है। बागवानी विभाग अब एवोकाडो और ड्रैगन फ्रूट के पौधे उपलब्ध करा रहा है। ये दोनों फल बाजार में काफी महंगे बिकते हैं और बागवानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। एवोकाडो में तेल की मात्रा अधिक होती है और इसे बटर फ्रूट भी कहा जाता है। ड्रैगन फ्रूट बंजर जमीन पर भी आसानी से उगाया जा सकता है।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश का बागवानी विभाग बागवानों को एवोकाडो (पर्सिया अमेरिकन) और ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने के लिए उपलब्ध करवाएगा।
ये दोनों फल बागवानों की तकदीर बदलेंगे। पहली बार है जो बागवानी विभाग इन फलों को बागवानों को उपलब्ध करवा रहा है। ये दोनों फल बाजार में 400 से 600 रुपए प्रति किलोग्राम मिलते हैं।एवोकाडो के गूदे में तेल होता है। जिसकी मात्रा किस्म के आधार पर 13 से 25 प्रतिशत तक हो सकती है। इसलिए, इस फल को बटर फ्रूट भी कहा जाता है।
इसके गूदे में मक्खन जैसी बनावट होती है। फलों में एवोकाडो सबसे अधिक पौष्टिक होता है। ये फल 500 से 600 रुपए प्रति किलोग्राम या 100-125 रुपए प्रति फल बाजार में बिकता है। जबकि ड्रैगन फ्रूट 70 से 90 रुपए पीस बिकता है।बागवानी विभाग प्रदेश के बागवानों को इस बार विभिन्न किस्मों के पांच लाख से अधिक फलदार पौधे उपलब्ध करवा रहा है। प्रदेश के बागवानों को उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन और बागवानी विभाग की कई नर्सरी से इसके पौधे दिए जाएंगे।
वर्ष 2023 के दौरान डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, नेरी, हमीरपुर ने उच्च घनत्व बागवानी और राज्य के उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में एवोकाडो फल की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक परीक्षण किया है। जो सफल रहा है।यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir News: मोटी कमाई देती है ये फसल, ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर बन रहा किसानों का रुझान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।आखिर क्या है एवोकाडो
एवोकाडो गूदा प्रोटीन, वसा से भरपूर होता है, कार्बोहाइड्रेट कम होता है। एवोकाडो विटामिन ए, बी, सी और ई से भरपूर होता है। इसमें केले से भी ज्यादा कैलोरी होती है। एवोकाडो दुनिया का एकमात्र ऐसा फल है जिसका कोई स्वाद और सुगंध नहीं है, लेकिन फिर भी इसे पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है और खाया जाता है।सबसे लोकप्रिय किस्में हास और फुएर्टे हैं। हास के फल पकने पर बैंगनी रंग के हो जाते हैं और फ़्यूरेटे के फल हरे रंग के होते हैं।क्या होता है ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट बंजर जमीन पर भी आसानी से लगाया जा सकता है। इसे बेसहारा पशुओं से नुकसान नहीं होता है। इसके लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। इसका पौधा 16 माह बाद फल देना शुरू कर देता है।इसके पौधों को 4 से 5 फीट की दूरी पर लगाया जाता है। इसे कोई भी बीमारी नहीं लगती है। इसमें कम कैलोरी होती हुए भी पौष्टिक तत्वों से भरपूर है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन बी, फाइबर, कैल्शियम मैग्नीशियम और फासफोरस होता है।यह भी पढ़ें- Benefits of Avocado: एक-दो नहीं, एवोकाडो के सेवन से मिलते हैं ये 5 जबरदस्त फायदे, डायबिटीज भी रहती है कंट्रोलएवोकाडो व ड्रैगन फ्रूट प्रदेश के बागवानों कि आय को बढ़ाने के साथ उनके स्वास्थ्य को भी बेहतर करने का काम करेगा। इसकी बेहतर तरीके से पैदावार हो रही है।
-सीपाल रासु, सचिव बागवानी हिमाचल प्रदेश