संजौली और मंडी मस्जिद विवाद के बाद अब सोलन में मजार पर बवाल; हिंदू संगठन ने दिया अल्टीमेटम
शिमला के संजौली और मंडी में मस्जिद विवाद के बाद अब सोलन में मजार को लेकर उबाल है। हिंदू संगठन ने प्रशासन को इसे हटाने की चुनौती दी है। साथ ही कहा है कि अगर इसे नहीं हटाया जाता तो शिमला की तर्ज पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ऐसी मांग की जा रही है कि अवैध कब्जे पर मजार को बनाया गया है। इसके स्थान पर चिल्ड्रन पार्क बनाया जाए।
संवाद सहयोगी, सोलन। शिमला के उपनगर संजौली और मंडी के जेल रोड मस्जिद विवाद के बाद अब सोलन शहर में मजार को लेकर विवाद सामने आया है। देवभूमि संघर्ष समिति का आरोप है कि चिल्ड्रन पार्क के पास अवैध तरीके से मजार का निर्माण किया गया है। प्रशासन को चेतावनी दी कि जांच के बाद इसे हटाएं अन्यथा शिमला की तर्ज पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
देवभूमि संघर्ष समिति सोलन जिले के संयोजक नीरज ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि आजादी से पहले इस जगह को कब्रिस्तान कहा जाता था। उस समय यह भूमि बघाट रियासत की थी और मुस्लिम समुदाय का अवैध कब्जा था। 1995 से पहले सोलन प्रशासन और मुस्लिम समुदाय के बीच समझौता हुआ था। इसके अनुसार समुदाय ने यह जगह चिल्ड्रन पार्क बनाने के लिए छोड़ने को कहा था।
अवैध तरीके से मजार बनाने का आरोप
इसके बदले मुस्लिम समुदाय को 13 बीघा भूमि शिल्ली रोड के पास दी गई। इसके बावजूद समुदाय ने कब्जा दिखाने के लिए अवैध तरीके से मजार बना दी। नीरज ने जिला प्रशासन से इसकी जांच करवाने और अवैध कब्जा हटाने की मांग की है। ऐसा नहीं होता है तो शिमला के बाद दूसरी तैयारी सोलन की होगी और समिति आंदोलन करेगी।नीरज ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें पता चला है कि संजौली मस्जिद कमेटी को मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने के लिए मजदूर और पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। समिति उनका साथ देने के लिए तैयार है उन्हें केवल एक घंटे का समय दें। समिति सदस्यों के साथ मिलकर अवैध हिस्से को गिरा देगी। यदि एक-दो मजदूर ही लगे रहे तो इसे गिराने में काफी समय लगेगा।
संजौली में मस्जिद के अवैध हिस्सा गिराने का काम जारी
उधर, संजौली में बुधवार को मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का काम जारी रहा। पांचवीं मंजिल पर बनाई गई एटिक (छत) से पूरी चादरें निकाल दी हैं। इससे पहले सोमवार को छत से चादरें निकालने का काम शुरू किया था। इसमें बुधवार को तेजी लाते हुए पूरी छत से चादरों को निकाल दिया है। अब दीवारों से ईंटे निकालने का काम शुरू हो सकता है।ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद का 3 मंजिल नहीं, पूरा ढांचा गिराया जाएगा? 16 दिसंबर को कोर्ट लेगा अंतिम फैसलामस्जिद के साथ घर होने के कारण दीवारें सीधे तोड़ना सुरक्षित नहीं
हैं, इसलिए लोगों की सुरक्षा को
देखते हुए मस्जिद कमेटी काम करवा रही है। वहीं, अवैध हिस्सा गिराने के लिए मस्जिद कमेटी फंड जुटाने में जुटी है। मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराया जाना है। मस्जिद कमेटी मजदूरों का प्रबंध कर रही है, ताकि तय समय के भीतर अवैध हिस्सा गिराया जा सके।
कमेटी दीवारें तोड़ने के लिए मजदूरों और औजारों का प्रबंध कर रही है। इसके लिए लेबर को बुलाया जा रहा है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण अवैध हिस्से को गिराने के लिए पैसों का प्रबंधन है। इसकी व्यवस्था कहां से होगी, यह एक बड़ा प्रश्न मस्जिद कमेटी के समक्ष है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि कमेटी फंड व मजदूरों की व्यवस्था करने में जुटी है। कोर्ट के आदेश अनुसार जल्द ही अवैध हिस्से को गिरा दिया जाएगा।
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