Himachal News: गर्भवती के लिए मसीहा बना फॉरेस्ट गार्ड, आधी रात 20 KM दूरी तय कर किया रक्तदान, मां-बच्चा दोनों स्वस्थ
नाहन के डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती महिला की जान एक फॉरेस्ट गार्ड ने बचाई। महिला को खून की जरूरत थी और उसका ब्लड ग्रुप एबी निगेटिव था जो सबसे दुर्लभ है। फॉरेस्ट गार्ड संदीप कुमार चौधरी ने रातों-रात मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अपना खून दिया। महिला का सफल ऑपरेशन हुआ और उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
जागरण संवाददाता, नाहन। डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में प्रसव पीड़ा से कराह रही शिलाई क्षेत्र की गर्भवती महिला के लिए आधी रात एक फॉरेस्ट गार्ड मसीहा बनकर अस्पताल पहुंचा।
वन कर्मी रात को बनेठी में ड्यूटी पर तैनात था। जैसे ही उसे पता चला कि गर्भवती महिला को खून की जरूरत है, तो वह 20 किलोमीटर दूर बनेठी से रातों-रात मेडिकल कॉलेज नाहन पहुंचा, जहां उन्होंने रक्तदान किया।इसके बाद गर्भवती महिला का सीजेरियन हो पाया। महिला ने एक मेल चाइल्ड को जन्म दिया है, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और मेडिकल कॉलेज नाहन में दाखिल हैं। शिलाई के मतियाना की शांति देवी को सिविल अस्पताल पांवटा साहिब से मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किया गया था। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला की मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य जांच हुई।
गर्भवती महिला के शरीर में था बहुत कम खून
डॉक्टरों ने महिला के पति अर्जुन को बताया कि खून की कमी के चलते सीजेरियन कर पाना मुश्किल है, चूंकि महिला के शरीर में बहुत कम खून है। दूसरी बड़ी चुनौती ये थी कि शांति देवी का ब्लड ग्रुप एबी निगेटिव है, जो सबसे दुर्लभ है। इसकी जानकारी ड्रॉप्स ऑफ होप के संचालक ईशान राव को मिली।उन्होंने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में ये जानकारी शेयर की। इसके बाद बनेठी में ड्यूटी पर तैनात संदीप कुमार चौधरी रातों-रात मेडिकल कॉलेज नाहन पहुंचे, जहां उन्होंने अपना एबी निगेटिव ब्लड महिला को दिया।
मरीजों की जान बचा रहे हमारे समूह के सदस्य'
फॉरेस्ट गार्ड संदीप कुमार चौधरी ड्रॉप्स ऑफ होप के सदस्य हैं, इस पुनीत कार्य से एक बार फिर ड्रॉप्स ऑफ होप सोसायटी ने मरीज को जान को बचा लिया। ड्रॉप्स ऑफ होप सोसायटी के संचालक ईशान राव ने बताया कि इस समूह के सदस्य न केवल आपातकाल में रक्तदान कर मरीजों की जान बचा रहे, बल्कि हर अस्पताल में खून की कमी को भी पूरा कर रहे हैं।
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