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'नेकां की मंशा का हमें नहीं पता था', Article 370 की बहाली के प्रस्ताव से कांग्रेस का किनारा, बयान पर भड़के NC नेता

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में पारित विशेष दर्जे के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच मतभेद सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी ने कभी भी अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात नहीं की जबकि नेकां का कहना है कि प्रस्ताव में विशेष दर्जे की बहाली की मांग की गई है। इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच तकरार जारी है।

By satnam singh Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 15 Nov 2024 09:05 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता तारिक अहमद कर्रा
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में हाल ही पारित हुए विशेष दर्जे के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस व नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच ठन गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान मल्लिकार्जुन खरगे ने गत दिवस कहा था कि कांग्रेस में किस ने कहा कि अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा। खरगे ने भाजपा पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।

खरगे के बयान के बाद आज शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रधान तारिक हमीद कर्रा ने भी अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर किनारा कर लिया है।

तारिक हमीद कर्रा ने कहा है कि अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित हुए प्रस्ताव में नहीं थी और ना ही इसका जिक्र था। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने रवैये पर स्पष्ट है। जब विधानसभा में प्रस्ताव आया था, हम तब से स्पष्ट हैं।

BJP राजनीतिक फायदे के लिए गुमराह कर रही: कांग्रेस

उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कह दिया है अनुच्छेद 370 पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद अब एक ही चीज है। वह है जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना।

उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को गुमराह कर रही है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

नेकां ने विशेष दर्जे को बहाल करने का प्रस्ताव लाया। नेकां ने किस इच्छा या मंशा से अचानक इसे लाया, यह हमें पता नहीं है। हमारा रवैया जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने को लेकर है।

हमारी मांग थी कि विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्य का दर्जा बहाल हो, नहीं हुआ। हमने फिर मांग की। हमें कोई गारंटी नहीं मिली। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री ने दर्जा बहाल करने का वायदा किया।

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प्रस्ताव की गलत न करें व्याख्या: नेकां

वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद रहुल्ला मेहदी ने चेतावनी दी है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पास किए गए प्रस्ताव की व्याख्या गलत करने के प्रयास नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने की मांग की गई है।

रहुल्ला का यह बयान कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधानमंत्री और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान तारिक हमीद कर्रा के बयान के बाद आया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 42 सीटें हासिल की है और उसे कांग्रेस का समर्थन हासिल है लेकिन कांग्रेस सरकार का हिस्सा नहीं।

'हमारी मांगों में आर्टिकल 370 भी शामिल'

उन्होंने एक्स पर कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रधान या प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान को इस प्रस्ताव को गलत तरीके से कहने का कोई अधिकार नहीं है।

इस प्रस्ताव का मकसद यह था कि जम्मू-कश्मीर में साल 1953 से लेकर 2019 के बीच विशेष दर्जे में किए गए संशोधन और विशेष दर्जे को गैर-संवैधानिक तरीके से हटाए जाने पर लोगों ने ना मंजूर किया है।

उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के जरिए हम सभी गारंटी की वापसी की मांग करते हैं जो 1993 से पहले थी जिसमें अनुच्छेद 370 और 35 ए शामिल है।

अगर कोई नेकां के बीच से ही प्रस्ताव की गलत व्याख्या करता है और लोगों की आकांक्षाओं के खिलाफ बात करता है तो इसे नामंजूर किया जाएगा।

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