जम्मू-कश्मीर में सरकारी खर्च पर लगेंगे कट, अब नए वाहनों की खरीद पर लगाई गई रोक
जम्मू-कश्मीर सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी खर्चों को कम करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, कई खर्चों पर कटौती की जाएगी, जैसे कि नए वाहनों की खरीद पर रोक और यात्रा खर्च में कमी। सरकार का उद्देश्य वित्तीय अनुशासन बनाए रखना और अनावश्यक खर्चों को रोकना है।

उमर अब्दुल्ला फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, जम्मू। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान सरकारी खर्चों के तर्कसंगतीकरण के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वित्तीय अनुशासन और राजकोषीय सावधानी बनाए रखने के उद्देश्य से वर्तमान वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में राजस्व व्यय बजटीय प्रविधान के 30 प्रतिशत तक सीमित रहेगा।
मार्च माह में यह व्यय कुल आवंटन के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। अंतिम माह में केवल उन्हीं कार्यों के भुगतान किए जाएंगे जो पहले ही निष्पादित हो चुके हैं या जिन वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पहले की जा चुकी है।
इस अवधि में अग्रिम राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा, सिवाय सरकारी कर्मचारियों को सेवा शर्तों या मानवीय आधार पर दिए जाने वाले ऋण या अग्रिम या आपदा पीड़ितों की राहत एवं पुनर्वास के लिए।
दरअसल, सरकार ने खर्चों में कटौती के लिए कई कदम उठाए हैं। 10 प्रतिशत व्यय कटौती आफिस खर्च, एलटीसी, टेलीफोन, पीओएल, विज्ञापन, जनसंपर्क, आतिथ्य और अन्य खर्चों पर लागू की गई है।
सम्मेलन, सेमिनार और कार्यशालाओं के आयोजन में अधिकतम सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के बाहर मेलों, प्रदर्शनियों, सेमिनारों या कॉन्फ्रेंस के आयोजन को हतोत्साहित किया गया है।
नए वाहनों की खरीद पर भी रोक लगाई गई है, हालांकि अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में सीमित अनुमति दी जा सकती है। ऐसे मामलों में केवल 20 प्रतिशत कम वाहनों की खरीद की अनुमति होगी।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन उपायों का उद्देश्य राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना और अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाना है। विशेष अनुमति के बिना विदेशी दौरे नहीं होंगे और ट्रेवल खर्च पर दस प्रतिशत की कटौती होगी। नए कार्यालयों को छोड़कर फर्नीचर की खरीद नहीं होगी।

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