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JK में BJP के लिए वरदान बन सकते हैं ये 5 विधायक, पलट देंगे हारी बाजी? LG करते हैं नामित; जानें क्या है नियम

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आने वाले हैं। इसके बाद किसी भी समय पांच सदस्यों को बतौर विधायक नामित किया जा सकता है। ये पांच विधायक सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। विपक्षी दल इसे असंवैधानिक और गैर-लोकतांत्रिक बता रहे हैं। सरकार बनने से पहले ही पांच विधायकों को नामित किए जाना लोकतंत्र से धोखा होगा।

By satnam singh Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 07:12 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में BJP के लिए वरदान बन सकते हैं ये 5 विधायक!

राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मंगलवार को परिणाम आने के बाद किसी भी समय पांच सदस्यों को बतौर विधायक नामित किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में विधानसभा के लिए नामित होने वाले पांच विधायकों की सरकार बनाने में भी अहम भूमिका हो सकती है, क्योंकि इन को वोटिंग का अधिकार होगा।

जम्मू कश्मीर की विधानसभा में कुल 90 सदस्य चुने जाने हैं जिनका परिणाम मंगलवार को आ रहा है। पांच विधायकों के नामित होने पर यह संख्या बढ़कर 95 हो जाएगी। कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने इसे मुद्दा बनाकर कहा है कि ये गैर लोकतांत्रिक व असंवैधानिक होगा। सरकार बनने से पहले ही पांच विधायकों को नामित किए जाना लोकतंत्र से धोखा होगा।

एलजी करेंगे नामित

बता दें कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून के तहत उपराज्यपाल पांच विधायकों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर नामित करेंगे। इन पांच में दो महिलाएं, दो कश्मीरी हिंदू विस्थापित सदस्य और एक पीओजेके रिफ्यूजी के सदस्य होंगे। इस तरह से विधानसभा में सरकार के लिए बहुमत का आंकड़ा 48 हो जाएगा।

उच्च पद सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर की सभी 90 सीटों का परिणाम आने के बाद जब चुनाव आयोग विधायकों की अधिकारिक अधिसूचना जारी करेगा तो इसके बाद किसी भी समय उपराज्यपाल पांच सदस्यों को नई विधानसभा के लिए नामित कर सकते हैं। वहीं, इस पर राजनीति गर्म है। एक तरफ यहां पर कांग्रेस, पीडीपी और नेकां इसे असंवैधानिक बताकर मुद्दे को तूल दे रही है तो दूसरी तरफ भाजपा चुपी साधे हुए है।

विपक्षी दल जता रहे आपत्ति

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान तारिक हमीद करा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नई विधानसभा में उपराज्यपाल की तरफ से पांच विधायकों को नामित किए जाना असंवैधानिक व गैर लोकतांत्रिक होगा। श्रीनगर में पार्टी नेताओं से बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में यह साफ है कि राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए सदस्यों को सरकार की सिफारिश पर नामित करते हैं।

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नहीं लेते हैं एकतरफा फैसला

अगर केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में नई सरकार के गठन से पहले ही उपराज्यपाल की तरफ से पांच सदस्यों को बतौर विधायक नामित करते हैं तो यह गैर लोकतांत्रिक होगा। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में यह स्पष्ट तौर पर लिखा है कि अगर देश के राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए सदस्यों को नामित करते हैं तो वह एक तरफा फैसला नहीं लेते और संविधान के तहत सरकार की सलाह पर करते हैं, जिसका प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल करता है।

एजली के पास एकतरफा अधिकार

उन्होंने कहा कि यह एक तरफा अधिकार उपराज्यपाल को दिया गया है। अगर केंद्र सरकार इसे लागू करें कि और उपराज्यपाल पांच सदस्यों को नई विधानसभा के लिए नामित करेंगे तो यह मेरे विचार से असंवैधानिक और गैर लोकतांत्रिक होगा। उन्होंने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि देश के राष्ट्रपति के पास इस तरह के अधिकार नहीं है और उपराज्यपाल को इस तरह के अधिकार दिए गए।

इन दलों के लिए खुला है कांग्रेस का द्वार

जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस नई सरकार बनाने के लिए पीडीपी के साथ संपर्क में है तो उन्होंने कहा कि मैंने पहले दिन से ही यह साफ किया है कि कोई भी व्यक्ति या पार्टी, जो भाजपा को सत्ता से दूर रखना चाहती है और समान विचारधारा वाले पार्टी है तो उसके लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। एग्जिट पोल पर करने कहा कि कई बार यह एग्जिट पोल सही और कई बार गलत होते हैं जहां तक इसका संबंध है तो हम चुनावी नतीजों पर यकीन करते हैं।

क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती

पीडीपी की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा है कि उपराज्यपाल को पांच सदस्यों को नामित करने का अधिकार देना चुनावी नीतियों से पहले धांधलियां जैसा होगा। मुफ्ती ने कहा कि नामित होने वाले पांचों सदस्य भाजपा के या संबंधित पार्टी के होंगे।

इसे शर्मनाक हेराफेरी कहा जा सकता है। उन्होंने एक्स पर कहा कि ऐसा लगता है कि जम्मू कश्मीर में 1987 के चुनाव में धांधलियों से भी कोई सबक नहीं सीखा गया है। इससे तो यह था कि सभी 90 सदस्यों को ही नामांकित कर दिया जाता, चुनाव की क्या जरूरत थी। 1987 के चुनावी धाधंलियों से जम्मू कश्मीर को किनारे पर ला दिया था।

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा विरोधी सरकार गठन का सहयोग करेगी और इस संबंध में पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व नतीजों के बाद कोई फैसला लेगा। बिना वजह अटकलें की जरूरत नहीं है। मैं यह कहना चाहती हूं कि पीडीपी नेतृत्व ही किसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी को समर्थन देने का फैसला करेंगे। यह हमारा अधिकारी स्टैंड है।

'नेकां-कांग्रेस की बनेगी सरकार'

नेकां के प्रांतीय प्रधान रतन लाल गुप्ता ने इसे असंवैधानिक बताया है। उन्होंने दावा किया कि जम्मू कश्मीर में नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनेगी। सरकार बनने से पहले पांच सदस्यों को बतौर विधायक नामित किया जाना गैर लोकतांत्रिक होगा।

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