Move to Jagran APP

विधायकों के लिए इस मॉडल की स्कॉर्पियो खरीदेगी J&K सरकार, 90 गाड़ियों के लिए खर्च होंगे 15 करोड़

Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने 90 विधायकों के लिए 14.85 करोड़ रुपये की लागत से 90 महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन खरीदने का फैसला किया है। यह खबर राज्य में चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि प्रदेश के अधिकांश विधायक करोड़पति हैं और उनकी औसत संपत्ति 11.43 करोड़ रुपये है। इस खर्च से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 22 Oct 2024 10:02 PM (IST)
Hero Image
उमर सरकार विधायकों के लिए खरीदेगी स्कॉर्पियो (जागरण फोटो)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने करोड़पति विधायकों को खुश करने के लिए खजाने का मुंह खोल दिया है। प्रदेश के 90 विधायकों के लिए 14.85 करोड़ रुपये खर्च करके 90 महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन खरीदे जा रहे हैं।

इतना ही नहीं ड्राइवर और ईंधन का खर्च जोड़ दिया जाए तो कुल खर्च कई गुणा बढ़ जाएगा। जानकारी के अनुसार, स्कॉर्पियो का नया मॉडल एसयूवी खरीदा जाएगा।

यह बात अलग है कि प्रदेश के 90 विधायकों में से 76 करोड़पति हैं और इनकी घोषित औसत संपत्ति 11.43 करोड़ रुपये है।

यहां बता दें कि राजस्व संग्रह के मामले में जम्मू-कश्मीर हिमाचल जैसे छोटे राज्यों से भी नीचे के पायदान पर है और विकास योजनाओं के लिए केंद्रीय योजनाओं पर ही ज्यादा निर्भर है। ऐसे में सरकारी खजाने पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ना लाजिमी है।

जम्मू-कश्मीर में लगभग छह वर्ष बाद विधानसभा बहाल हुई है। जून 2018 में तत्कालीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद नवंबर 2018 में तत्कालीन राज्यपाल सतपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया था। इसके बाद अब चुनाव हुए हैं और नवनिर्वाचित विधायकों ने गत सोमवार को ही शपथ ग्रहण की है।

यह भी पढ़ें- हिरासत में 40 संदिग्ध, छानबीन में जुटी NIA... गांदरबल आतंकी हमले के बाद हर पहलू की जांच में एजेंसियां

स्थायी तौर पर नहीं दिए जाएंगे वाहन

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर परिवहन विभाग ने नए विधायकों के लिए वाहनों की खरीद के लिए 14.85 करोड़ रुपये की राशि मोटर गैराज विभाग को प्रदान कर दी है।

एक अधिकारी ने बताया कि विभाग के पास मौजूद अधिकांश वाहन पुराने हो चुके हैं। कई वाहन प्रदूषण संबंधी नए मानकों के अनुरूप भी नहीं हैं। इसलिए नए वाहन खरीदे जा रहे हैं। यह वाहन विभाग की संपत्ति रहेंगे।

ई-टेंडरिंग से होगी खरीदारी

मोटर गैराज विभाग के अनुसार, माननीयों के लिए वाहनों की खरीद के लिए वर्ष 2024-25 के कैपेक्स बजट से ही मंजूरी दी गई है। वाहनों की खरीद जीईएम पोर्टल के जरिये, ई-टेंडरिंग अन्य संबंधित औपचारिकता को पूरा करते हुए होगी। हालांकि इन वाहनों के लिए चालक का कोई नया पद सृजित नहीं होगा, लेकिन साफ है कि परिवहन विभाग के चालकों से ही इनकी व्यवस्था करनी होगी।

दो विधायकों की संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा 

एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफाॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, 27 विधायक एक से पांच करोड़ रुपये के दायरे में आते हैं, जबकि 14 विधायकों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से कम है। कांग्रेस विधायक तारिक हमीद करा ने 148 करोड़ की संपत्ति घोषित की है और वह सबसे अमीर विधायक हैं।

जम्मू के नगरोटा निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले भाजपा विधायक देवेंद्र राणा 126 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। श्रीनगर के छन्नपोरा से निर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के विधायक मुश्ताक अहमद गुरु 94 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे अमीर हैं।

हरियाणा और हिमाचल नहीं देते वाहन

ज्यादातर राज्य अपने विधायकों को कोई वाहन नहीं देते। हरियाणा और हिमाचल में भी यही व्यवस्था है। हरियाणा सरकार अपने विधायकों को वाहन खरीदने के लिए सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध करवाती है। विधायक को यह ऋण चुकाना होता है। कई अन्य राज्यों में भी यही व्यवस्था है। 

यह भी पढ़ें- हिमाचल में अब नहीं चलेगी सिफारिश और न कोई जुगाड़, 2 बार टेस्ट में फेल होने पर सीधा कबाड़ में जाएगा वाहन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।