'घाटी में शांति नहीं रह सकती बरकरार, कोई भरोसा नहीं कब...', मीरवाइज ने फिर अलापा कश्मीर समस्या का राग
कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने एक बार फिर कश्मीर समस्या का राग अलापा है। उनका कहना है कि इस समस्या के समाधान के बिना जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं हो सकती। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में पहल करने की अपील की है। मीरवाइज ने कहा कि चुनी हुई सरकार के पास सीमित अधिकार हैं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। अलगाववादी नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने एक बार फिर कश्मीर समस्या का राग अलापा है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को हल किए बिना जम्मू कश्मीर में शांति बरकार नहीं रह सकती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र को पहल करनी होगी।
मीरवाइज ने यह बात सोमवार को एक समारोह के दौरान वहां मौजूद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी शांति है लेकिन यहां हालात कब फिर से बिगड़ जाए, इसका कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि समस्या हल किए बगैर यहां हालात कभी सिथर नहीं रह सकते।
'चुनी हुई सरकार के पास सीमित अधिकार'
मीरवाइज ने कहा कि चुनाव के बाद यहां बेशक नई सरकार बन गई है, लेकिन इस सरकार के पास सीमित अधिकार हैं, जो यह सरकार यहां लोगों को मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस्तेमाल कर सकती है न कि कश्मीर समस्या व बाकी प्रमुख मुद्दे हल करने के लिए।उन्होंने कहा कि यह मुद्दे दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप से ही अंजाम तक पहुंच सकते हैं और इस समस्या का हल केवल बातचीत ही है।
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घाटी में आतंकरोधी अभियान जारी
वहीं, जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। घाटी से आतंक का सफाया जारी है। अब तक कई आतंकियों को मार गिरा चुके हैं। आतंकरोधी अभियान लगातार जारी है। इस बीच पुलवामा से एक आतंकी को गिरफ्तार किया है। उसका नाम इरशाद अहमद चौपान है और उसके पास से एक पिस्तौल, दो मैगजीन व 18 कारतूस मिले हैं। वह दक्षिण कश्मीर में प्रवासी श्रमिकों पर हमले की विभिन्न वारदातों में शामिल था। उससे पूछताछ जारी है।
बता दें कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को प्रदेश प्रशासन ने चार अगस्त 2019 को एहतियात के तौर पर नजरबंद किया था। लगभग तीन माह पहले उन्हें नजरबंदी से मुक्त किया गया था और उन्होंने श्रीनगर की जामिया मस्जिद में जुम्मे की नमाज भी अदा की। इजरायल पर हमास के हमले के बाद उपजे हालात के बाद प्रशासन ने उन्हें दोबारा नजरबंद कर दिया था। बीते शुक्रवार को उन्हें नमाज-ए-जुमा के लिए जामिया मस्जिद नहीं आने दिया गया था।
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