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Tejashwi Yadav: तेजस्वी ने भरी सभा में की पापा लालू की नकल, बोले- जब यादव को भैंस नहीं पटक पाया तो...

महागठबंधन की सरकार बनने पर 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में महंगाई बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है। उन्होंने भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेताओं के मुंह से कभी महंगाई बेरोजगारी और गरीबी का जिक्र नहीं होता।

By Julqar Nayan Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 08 Nov 2024 05:06 PM (IST)
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तेजस्वी यादव ने पिता लालू यादव की नकल की। फाइल फोटो
संवाद सूत्र, प्रतापपुर (चतरा)। झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनी, तो 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देंगे। गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताइए और फटाफट-फटाफट नौकरी पाएं। वादों की झड़ी लगाते हुए उक्त बातें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री राजद नेता तेजस्वी यादव ने कही।

तेजस्वी यादव शुक्रवार को प्रतापपुर हाई स्कूल के मैदान में आयोजित महागठबंधन के घटक दल राजद प्रत्याशी रश्मि प्रकाश के पक्ष में आयोजित आम सभा को संबोधित करने आए थे।

'हम लोग जो बोलते हैं, वह करते हैं'

यहां उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है। हमें इससे लड़ना है। बिहार में हमने 17 महीने के शासनकाल में उपमुख्यमंत्री रहते हुए चार लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का काम किया। हम लोग जो बोलते हैं, वह करते हैं।

तेजस्वी ने की लालू की नकल

उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की नकल करते हुए कहा कि भाजपा वाले बोलते हैं कि राष्ट्रीय जनता दल यादव की पार्टी है। राजद को पटक देंगे। जब यादव को भैंस नहीं पटक पाया, तो यह बीजेपी वाले क्या पटक पाएंगे।

'नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला'

उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये पार्टी सिर्फ नफरत फैलाने का कार्य करती है। भाजपा के नेताओं के मुंह से कभी महंगाई का 'म', बेरोजगारी का 'ब' और गरीबी का 'ग' शब्द नहीं निकलता है। कहा कि आज आठ नवंबर नोटबंदी की बरसी है। मोदी जी ने आज ही के दिन नोटबंदी का ऐलान किया था, जो आज तक का सबसे बड़ा घोटाला है। नोटबंदी के पहले भाजपा वाले काला धन से पूरे देश के हर एक जिले में जमीन खरीदकर फाइव स्टार कार्यालय बना लिए।

उन्होंने कहा कि चतरा राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ रहा है। यहां के लोगों ने राजद का झंडा कभी झुकने नहीं दिया है। आमसभा को बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, झारखंड के पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता, विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक सह बिहार विधान परिषद सदस्य पूर्व मंत्री मुकेश सहनी,राजद प्रत्याशी रश्मि प्रकाश समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया।

हैट्रिक का अरमान, नहीं चढ़ा परवान

चतरा विधानसभा क्षेत्र से जीत की हैट्रिक किसी ने नहीं लगाई है। उम्मीदवारों ने प्रयास तो किया, लेकिन वोटरों ने विश्वास नहीं जताया। परिणामस्वरूप यह सौभाग्य अब तक किसी को प्राप्त नहीं हुआ है। 1952 से लेकर 1977 तक चतरा विधानसभा क्षेत्र असुरक्षित था। 1980 के चुनाव से पूर्व इसे अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कर दिया गया। 1952 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के सुखलाल प्रसाद सिंह निर्वाचित हुए थे। उन्होंने रामगढ़ राजा की छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी के उम्मीदवार कामाख्या नारायण सिंह को हराया था, लेकिन 1957 के चुनाव में रामगढ़ राजा कामाख्या नारायण सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक सुखलाल बाबू को पटखनी देकर हिसाब बराबर कर लिया था।

कामाख्या नारायण सिंह चतरा के अलावा दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से भी चुनाव जीते थे। ऐसे में चतरा सीट से उन्होंने त्याग पत्र दे दिया था। जिसके कारण उप चुनाव कराना पड़ा। जिसमें जीत छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी के उम्मीदवार शालीग्राम सिंह की हुई थी। उन्होंने सुखलाल बाबू को परास्त किया था। 1962 और 1967 के चुनाव में केशव प्रताप सिंह निर्वाचित हुए थे। 1968 में विधानसभा भंग हो गया। 1969 में चुनाव हुआ। जिसमें एक बार फिर कामाख्या नारायण सिंह मैदान में उतरे और उन्होंने कांग्रेस के सुखलाल सिंह को पराजित किया।

1970 से लेकर 1977 तक का हाल...

1970 में कामाख्या नारायण सिंह का निधन हो गया। परिणामस्वरूप उपचुनाव कराना पड़ा। जिसमें कुंदा राजा प्रजापालक सिंह ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार उपेंद्र नाथ वर्मा को हराया था। 1972 के चुनाव में कांग्रेस के तापेश्वर देव ने जनसंघ के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक प्रजापालक सिंह को हराया था। 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार सैयद शबा अहमद साबरी ने मामूली वोटों के अंतर से निर्दलीय उम्मीदवार प्रजापालक सिंह को हराया था। उसके बाद चतरा विधानसभा क्षेत्र सुरक्षित हो गया।

1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के महेश राम ने जनसंघ के बीकू राम को हराया था। 1985 और 1990 का चुनाव भाजपा के उम्मीदवार महेंद्र सिंह भोक्ता निर्वाचित हुए। 1995 में राजद प्रत्याशी जनार्दन पासवान ने महेंद्र सिंह भोक्ता को हैट्रिक लगाने से रोक दिया। 1999 और 2004 का चुनाव भाजपा के सत्यानंद भोगता निर्वाचित हुए। हैट्रिक की संभावना को उन्होंने खुद छोड़ दिया और वे 2009 का चुनाव सिमरिया लड़े, लेकिन हार गए।

चतरा का चुनाव राजद उम्मीदवार जनार्दन पासवान जीते। 2014 में भाजपा के जयप्रकाश सिंह भोगता ने राजद को सीट से बेदखल कर दिया। 2019 के चुनाव में जनार्दन भाजपा के उम्मीदवार थे और सत्यानंद भोगता राजद से भाग्य आजमाए थे। जीत सत्यानंद भोगता की हुई थी। इस प्रकार 1952 से लेकर अब तक किसी ने भी जीत की हैट्रिक नहीं लगाई है।

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