Flood in Jharkhand: गढ़वा में सोन नदी का कहर, बाढ़ में फंसे 50 से अधिक ग्रामीण; रेस्क्यू में जुटी NDRF की टीम
Flood in Jharkhand झारखंड के गढ़वा जिले में केतार थाना अंतर्गत लोहरगाड़ा गांव में सोन नदी में आई बाढ़ में दर्जन भर लोग फंसे। फंसे ग्रामीण सोन नदी में डीला पर झोपड़ी बनाकर मवेशियों के साथ रह रहे थे। नदी में आई अचानक बाढ़ में सभी लोग फंस गए हैं। ग्रामीण के साथ सौ से अधिक मवेशी भी फंसे हैं।
जागरण टीम, गढ़वा। झारखंड के गढ़वा जिले में भवनाथपुर थाना अंतर्गत हरिहरपुर ओपी क्षेत्र के लोहरगड़ा गांव के पास सोन नदी के टीला में सोननदी का जलस्तर अचानक से बढ़ने की वजह से गढ़वा जिला व बिहार के रोहतास जिला के तिऊरा गांव के 50 लोग सोन नदी में फंस गए।
इनके साथ सौ से अधिक पशुधन भी बाढ़ में फंसे रहे। इसकी जानकारी के बाद रविवार की रात में ही जिला प्रशासन बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए तत्पर हो गई।
बिहार के बिहटा से पहुंची एनडीआरएफ की टीम सोमवार की अहले सुबह से रेस्क्यू अभियान शुरू किया। बाढ़ में फंसे लोहरगड़ा के 17 तथा मेरौनी गांव के दो लोगों को सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया।
जबकि सोन में फंसे बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत तिउरा गांव के 21 लोगों को भी सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर सोन से बाहर निकाल लिया गया है। दूसरी तरफ सोन नदी का जलस्तर भी कम होने लगा है।इस मौके पर श्रीबंशीधर नगर के एसडीओ प्रभाकर मिर्धा, एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह सहित प्रशासनिक महकमा रविवार की रात से ही लोहरगाड़ा में रेस्क्यू पूरा होने तक कैंप करती रही।
वहीं, रोहतास बिहार की एसडीएम वंदना कुमारी भी रेस्क्यू टीम के साथ सोन नदी में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ टीम के साथ जा उतरीं।बताते चलें कि सोननदी मे मिट्टी के जमाव की वजह से टीला बन जाता है। जहां पर लोग खेती-बारी के साथ ही साथ पशुधन के साथ कुछ लोग झोपड़ी तो कुछ पक्का आवास बनाकर निवास करते हैं।इसी दौरान सोन नदी में जलस्तर में लगातार बढ़ने की वजह से लोहरगड़ा व तिऊरा के लोग बीच नदी में फंस गए। बाढ़ में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद प्रशासन के लोगों ने राहत की सांस ली है।
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