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Jharkhand News: हजारीबाग में सरकारी जमीन पर हो रहा कब्जा, चल रहा प्रचार और मतांतरण का खेल

झारखंड में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर कब्रिस्तान मजार चर्च और मदरसा बनाए जा रहे हैं। हजारीबाग रांची पाकुड़ साहिबगंज सिमडेगा समेत कई जिलों में वन भूमि पर अवैध निर्माण के मामले सामने आए हैं। इन गतिविधियों के पीछे धर्म प्रचार और मतांतरण का खेल भी चल रहा है। प्रशासन ने जांच में पाया कि कुछ अफसरों की मिलीभगत से सरकारी जमीन की गलत तरीके से बंदोबस्ती करा ली गई।

By Sanjeev Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 04 Sep 2024 02:46 PM (IST)
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हजारीबाग में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बना रहे चर्च (जागरण सांकेतिक फोटो)
विकास कुमार, हजारीबाग। Hazaribagh News: झारखंड में ईडी जमीन घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें जमीन की प्रकृति बदलकर गैर बिक्रीयोग्य भूखंडों को बेचने में संलिप्त लोग कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं। इससे इतर खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा कर चर्च, कब्रिस्तान, मस्जिद और मदरसा खोलने का भी खेल चल रहा है।

ऐसी गतिविधियों व कोशिशों के पीछे धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ ही मतांतरण भी एक बड़ी वजह होता है। झारखंड में हाल के दिनों में हजारीबाग, रांची, पाकुड़, साहिबगंज, सिमडेगा समेत कई जिलों में वन भूमि पर कब्रिस्तान, मजार, चर्च बनाने के मामले सामने आ चुके हैं।

जहां खाली जमीन, वहीं कब्जे की कोशिश

हजारीबाग के कटकमसांडी के अंबा गढ़ा स्थित जंगल में दो एकड़ जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से मजार बनाई जा रही थी। ग्रामीणों की शिकायत पर मामले ने तूल पकड़ा। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने काम बंद कर दिया। रांची के चान्हो प्रखंड के आनंदशिला गांव में भी वन भूमि पर कब्जा कर कब्रिस्तान बनाने का मामला सामने आ चुका है।

विधायक कोष से वहां कब्रिस्तान के नाम पर रातोंरात चारदीवारी बनाने का काम शुरू कर दिया गया था। बाद में विरोध के बाद काम रोक दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि कब्रिस्तान के नाम पर लगभग 30 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया है।

हजारीबाग में सरकारी जमीन पर चर्च

हजारीबाग में कोनार नदी के तट पर और दारू तथा टाटीझरिया प्रखंड की सीमा पर स्थित बैडम पंचायत की आदिवासी बहुल बस्ती खैराकोचा में वर्षों से सरकारी गैर मजरुआ जमीन पर अवैध कब्जा कर चर्चा बना लिया गया है। इस चर्च में हर रविवार को आसपास के लोगों को जुटा कर प्रार्थना सभा कराई जाती है।

प्रशासन से हिंदू संगठनों के लोगों ने कई बार शिकायत की है कि वहां प्रार्थना सभा में शामिल होने वाले लोग ग्रामीणों को प्रलोभन देकर व तरह-तरह से झांसा देकर ईसाई बनाने का प्रयास करते रहते हैं। झाड़-फूंक से बीमारियां ठीक कर देने और धर्म बदलने के बाद सभी दुख दूर हो जाने का झांसा देकर लोगों को मतांतरण के लिए प्रेरित किया जाता है। -

सिमडेगा में आठ एकड़ जमीन पर कब्जा कर बनाया जा रहा था चर्च

सिमडेगा में कुछ वर्ष पहले दो एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर चर्च बनाने की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने वहां चर्च के कब्जे से पौने दो एकड़ जमीन खाली कराई थी। सिमडेगा कैथोलिक डायोसेसन एजुकेशन सोसायटी नामकी संस्था ने चर्च बनाते समय इस सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया था।

प्रशासन ने जांच में पाया कि कुछ अफसरों की मिलीभगत से सरकारी जमीन की गलत तरीके से बंदोबस्ती करा ली गई थी। इस सोसायटी पर सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर 26 फादरों के नाम पर 25 एकड़ जमीन खरीदने का भी आरोप है। इस पर अब भी चर्च का अधिकार है।

सामुदायिक भवन और आदिवासियों के पूजा स्थल की बजाय कब्रिस्तान की घेराबंदी

हजारीबाग औऱ साहिबगंज में प्रशासन की ओर से भी तुष्टीकरण से प्रभावित निर्णय लेने के मामले सामने आए हैं। हजारीबाग के कटकमसांडी की रेवर पंचायत के कुरहागढ़ा गांव में सामुदायिक भवन और उसकी घेराबंदी करने के नाम पर प्रशासन ने कब्रिस्तान की घेराबंदी कर दी। कल्याण विभाग की ओर से करीब 50 लाख रुपए सामुदायिक भवन और चारदीवारी के निर्माण के लिए जारी किया गया है, लेकिन जहां निर्माण कराया जा रहा है, वहां कब्रिस्तान है।

करीब 1. 80 एकड़ जमीन पर घेराबंदी का काम किया जा रहा है और अब तक 70 प्रतिशत घेराबंदी हो चुकी है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद काम को रोक दिया गया है। उपायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, साहिबगंज के मंडरो में आदिवासियों के पूजा स्थल जाहेरथान की जमीन पर मुस्लिमों ने कब्जा करने की कोशिश की है।

अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजना के तहत इस स्थल पर कब्रिस्तान बनाकर चारदिवारी निर्माण की स्वीकृति के लिए संचिका सीओ के स्तर से बढ़ा भी दी गई। एसटी आयोग की आपत्ति के बाद अब इसमें सुधार किया जा रहा है।

हजारीबाग में सामुदायिक भवन के लिए वन पट्टा के माध्यम से दी गई जमीन पर कब्रिस्तान के निर्माण मामले की कल्याण विभाग जांच कराएगा। शिकायत मिलने के बाद निर्माण कार्य रोक दिया गया है। न पट्टा के लिए दी गई जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण नहीं कराया जा सकता है। जांच के बाद हीं इस दिशा में कारवाई की जाएगी।सुभाष कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी, हजारीबाग 

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