TATA STEEL करेगी टाटा ब्लूस्कोप स्टील में 1,100 करोड़ रुपये का अधिग्रहण
टाटा स्टील, टाटा ब्लूस्कोप स्टील का 1,100 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करेगी। इस अधिग्रहण का उद्देश्य टाटा स्टील के उत्पाद पोर्टफोलियो को बढ़ाना और ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करना है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे टाटा स्टील को बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा और कंपनी की लाभप्रदता बढ़ेगी। यह अधिग्रहण टाटा स्टील के विकास रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा स्टील जल्द ही टाटा ब्लूस्कोप स्टील प्राइवेट लिमिटेड (टीबीएसपीएल) के 50 प्रतिशत शेयर का अधिग्रहण 1,100 करोड़ रुपये में करेगी। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मुंबई में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
टाटा ब्लूस्कोप स्टील वर्तमान में टाटा स्टील की संयुक्त उपक्रम कंपनी है, जिसे टाटा स्टील डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट्स लिमिटेड और ब्लूस्कोप स्टील लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। ब्लूस्कोप स्टील का संचालन एशिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से होता है।
बोर्ड की स्वीकृति के बाद दोनों कंपनियों के बीच शेयर खरीद समझौते (शेयर परचेज एग्रीमेंट) पर सहमति बनी है। इस सौदे के पूर्ण होने पर Tata ब्लूस्कोप स्टील प्राइवेट लिमिटेड, टाटा स्टील की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाएगी।
इस अधिग्रहण से टाटा स्टील अपने डाउनस्ट्रीम व्यवसाय को और मजबूत करेगी तथा कोटेड स्टील उत्पादों के क्षेत्र में अपनी स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम कंपनी की दीर्घकालिक वृद्धि रणनीति का हिस्सा है और भारतीय स्टील बाजार में उसकी उपस्थिति को और मजबूत करेगा।
टाटा स्टील को दूसरी तिमाही में 4,215 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा
टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम जारी किए हैं। कंपनी को इस अवधि में 4,215 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। वहीं, कंपनी ने 5.65 मिलियन टन का उत्पादन और 5.55 मिलियन टन की डिलीवरी हासिल की है।
टाटा स्टील प्रबंधन ने बुधवार को भारतीय परिचालन और समेकित आधार पर आय-व्यय के आंकड़े जारी किए। समेकित रूप से कंपनी ने 7.33 करोड़ टन उत्पादन और 7.91 करोड़ टन डिलीवरी दर्ज की।
भारतीय परिचालन में कंपनी ने पहली तिमाही के 31,137 करोड़ रुपये के मुकाबले 34,787 करोड़ रुपये का टर्नओवर प्राप्त किया। कंपनी का एबिटा (EBITDA) भारतीय परिचालन में 7,463 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,516 करोड़ रुपये रहा, जो 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
समेकित रूप से एबिटा 9,106 करोड़ रुपये से बढ़कर 16,585 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व के मामले में कंपनी ने पहली छमाही में 1,11,867 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व अर्जित किया, जबकि भारतीय परिचालन में यह 65,924 करोड़ रुपये रहा।
7,079 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश
कंपनी ने बताया कि पहली तिमाही में 3,250 करोड़ रुपये और छह माह में 7,079 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) में खर्च किए गए। टाटा स्टील पर फिलहाल 87,040 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण है।
बढ़ते टैरिफ से स्टील निर्यात पर असर : टीवी नरेंद्रन
टाटा स्टील के सीईओ एवं एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ते टैरिफ के कारण स्टील का निर्यात चुनौतीपूर्ण हो गया है। हालांकि, दूसरी तिमाही में कंपनी ने एबिटा मार्जिन में मजबूत सुधार दर्ज किया है।
उन्होंने बताया कि क्रूड स्टील उत्पादन में 8 प्रतिशत और डिलीवरी में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी अपने डाउनस्ट्रीम पोर्टफोलियो के तहत प्रमुख बाजारों में नेतृत्व बनाए रखेगी।
कलिंगनगर की कंटीन्युअस एनीलिंग और गैल्वनाइजिंग लाइन से उच्च स्तरीय उत्पादों का विस्तार ऑटोमोटिव सेक्टर तक किया गया है। टीवी नरेंद्रन ने कहा कि नई 0.5 मिलियन टन क्षमता वाली कांबी मिल कंपनी के विशेष स्टील कारोबार को और मजबूती देगी। खुदरा क्षेत्र में भी टाटा टिस्कान ब्रांड ने 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

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