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    Lohardaga News:विचौलिए की कारामात! गाय शेड की जगह बना दिया शौचालय,योजना क्या है- लाभुक को पता ही नहीं

    By Vikram Chouhan Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 09:42 AM (IST)

    लोहरदगा में बिचौलिए ने सरकारी योजना के तहत गाय शेड बनाने की जगह शौचालय बनवा दिया। लाभुक को योजना की जानकारी भी नहीं है और उसे गुमराह किया गया। यह मामल ...और पढ़ें

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    खेत में शेड बना दिया, लेकिन गाय ही नहीं ।

    राजेश प्रसाद गुप्ता,भंडरा (लोहरदगा) । लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड में मनरेगा के तहत बन रहे गाय शेड इस समय चर्चा में हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को पशुपालन के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना था, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

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    प्रखंड में कुल 132 गाय शेड स्वीकृत किए गए, जिनमें सरकारी रिकार्ड के अनुसार नौ योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। 77 पर कार्य चल रहा है और 46 योजनाओं में कार्य अभी शुरू भी नहीं हुआ है।

    लेकिन जिस तरह का क्रियान्वयन सामने आया है, वह सरकारी राशि की लूट और लापरवाही की ओर इशारा करता है। अकाशी पंचायत में नौ, बड़ागांई में नौ, भंडरा में छह, भौंरो में 44, भीठा में 18, गड़रपो में 13, जमगांई में 11, मसमानो में 7 और उदरंगी में 15 योजनाओं का दावा किया जा रहा है।

    प्रत्येक लाभुक को लगभग एक लाख चालीस हजार रुपये की लागत से शेड निर्माण की स्वीकृति मिली है, लेकिन अधिकांश स्थानों का वास्तविक हालात कुछ और ही कहानी बयान करते हैं। कहीं गाय शेड की जगह शौचालय बना दिया गया है, तो कहीं खेत में एक साधारण एस्बेस्टस डालकर काम पूरा दिखा दिया गया।

    यही नहीं, कई लाभुकों के पास गाय तक नहीं है, फिर भी उन्हें योजना का लाभ दे दिया गया। भंडरा प्रखंड में गाय शेड योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है।

    गाय शेड की जगह मिला शौचालय

    भंडरा प्रखंड के भौरो मंलग टोली की पूनम उरांव के घर पर एक शौचालय बना दिया गया है, जिसे सरकारी कागजों में गाय शेड बताया गया है।

    चौंकाने वाली बात यह है कि घर वालों को यह पता तक नहीं है कि उन्हें योजना क्यों दी गई या क्या इसके तहत उन्हें गाय भी मिलनी थी। शेड का उपयोग किसी पशु के लिए नहीं किया जा रहा है। स्पष्ट रूप से योजना के गलत क्रियान्वयन और स्थानीय स्तर पर निगरानी की कमी इसकमें दिखती है।

    पारा शिक्षिका को बना दिया मजदूर

    भंडरा प्रखंड के भौरो मंलग टोली में लक्ष्मी कुमारी को भी योजना का लाभ दिया गया। रिकार्ड के अनुसार उन्हें मजदूरी भुगतान तक कर दिया गया, जबकि उस दिन वह पारा शिक्षिका के रुप में ड्यूटी पर थी।

    जबकि उन्हें यह पता तक नहीं कि शेड किसने बनाया और मजदूरी किस आधार पर दी गई। उनका गाय शेड उनके घर से काफी दूर खेत में बनाया गया है, जहां अब दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं।

    मामले की जांच कराउंगी और जो भी गड़बड़ी मिलेगी, उसके दोषियों के खिलसाफ कार्रवाई की जाएगी। मेरे कार्यकाल में यहां इस प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ है। सब पुरानी योजना होगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। 

    -प्रतिमा कुमारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, भंडरा(लोहरदगा)।